जनता जांचेगी कार्यशैली, पुलिस को मिलेंगे नम्बर
बीकानेर। पुलिसकर्मियों के बर्ताव का मूल्यांकन अब जनता के हाथों में होगा। साख बचाने के लिए पुलिस ने लोगों से फीडबैक मांगने का निर्णय लिया है। दावा किया जा रहा है कि पुलिस इस फीडबैक के आधार पर थानों की रेटिंग तय करेगी। थानों के हालात और वहां तैनात पुलिसकर्मियों के बर्ताव का मूल्यांकन जनता की ओर से किया जाएगा।
जयपुर बैठे सूत्रों ने न्यूजफास्ट वेब को बताया कि पुलिसकर्मियों की कार्यशैली और थानों के हालात के मुताबिक हर कोई उनकी रेटिंग तय कर सकेगा। पुलिस मुख्यालय और सरकार खराब रेटिंग वालों की कार्यप्रणाली में सुधार कर उन्हें जवाबदेह बनाएगी। बड़ी बात यह है कि आपको खाकी से खौफ खाने की भी कोई जरूरत नहीं, क्योंकि फीडबैक और रेटिंग देने वाले किसी भी शख्स की पहचान कहीं भी जाहिर नहीं हो सकेगी।
फीडबैक तय करेगा भविष्य
पुलिस की मदद मांगने पर लोगों का अनुभव कैसा रहा यह जानने के लिए पुलिस मुख्यालय ने www.police.rajasthan.gov.in/ feedbackrating.aspx?lb=2 पर फीडबैक फार्म अपलोड किया है। इसमें कोई भी शख्स पुलिस के साथ अपने अनुभव साझा कर सकता है।
फीडबैक की भी होगी जांच
फीडबैक लेते समय इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि कहीं कोई नाहक ही पुलिसकर्मियों की खिंचाई तो नहीं कर रहा है, इसलिए फीडबैक देते समय उसकी वजह या संबंधित घटना की जानकारी भी मांगी जा रही है। भरा हुआ फार्म सीधे मुख्यालय में तैनात आला अफसरों के पास जाएगा। जिस थाने की ज्यादा और गंभीर शिकायतें आएंगी, मुख्यालय वहां तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।
नंबर खोलेंगे हालात की पोल
फीडबैक के साथ जनता थाने के हालात और पुलिसकर्मियों के व्यवहार के नंबर भी देगी। सूत्रों ने न्यूजफास्ट वेब को बताया कि रेटिंग में एक नंबर देकर जनता अपना असंतोष प्रकट कर सकेगी। जबकि दो नंबर केवल संतोषजनक हालात के लिए होगा। तीसरा और चौथा नंबर अच्छे और बहुत अच्छे काम के लिए तय किया गया है। साथ ही एक्सीलेंट वर्क के लिए पांच नंबर देकर थाने में तैनात स्टाफ की पीठ भी थपथपा सकते हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस रेटिंग से पुलिसकर्मियों की कार्यशैली कितना प्रभावित होगी।