भारत, बांग्लादेश, जापान और बोलिविया के कई शहरों में इस दवा को इलाज में लाया जा रहा है उपयोग
बीकानेर/नई दिल्ली। कोरोना संक्रमितों का इलाज अब पेट के कीड़े मारने वाली दवाई से भी किया जाएगा। भारत सहित बांग्लादेश, जापान और बोलिविया के कई शहरों में इस दवा को कोरोना के इलाज में उपयोग लाया जाना बताया जा रहा है। इसके नतीजे भी बेहद तसल्ली देने वाले बताए जा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक यह एक ऐसी दवा की जो बहुत सस्ती है, सुरक्षित है। भारत सहित कई देशों में उपलब्ध भी है। ये दवा है-आईवरमैक्टीन। आईवरमैक्टीन, एक ऐसी दवा है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के डी-वर्मिंग प्रोग्राम का हिस्सा है। जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन की सेफ्टी लिस्ट में सुरक्षित माना जाता है। एक ऐसी दवा जो पेट में कीड़े मारने की दवा यानी डी-वर्मिंग टैबलेट के तौर पर जानी जाती है। अब यही दवा कोरोना वायरस के इलाज में काम आ सकती है। देश में केरल, यूपी के कानपुर और दिल्ली में कई अस्पताल भी अब इस दवा को कोरोना मरीजों पर आजमा रहे हैं। कानपुर मेडिकल कालेज में 104 मरीजों को दवा दी गई, जिनमें से 94 का टेस्ट दवा देने के 4 दिन में निगेटिव आया बताया जा रहा है। कानपुर मेडिकल इस दवा पर रिसर्च पेपर लिख रहा है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मोनाश यूनिवर्सिटी आस्ट्रेलिया और विक्टोरियन इंफेक्शियस डिजीज रेफरेंस लैब में हुई एक लैब स्टडी में ये पाया गया कि ये दवा 48 घंटे के अंदर वायरस का खात्मा कर देती है। लैब स्टडी में देखा गया कि इस दवा से कोरोनावायरस का आरएनए 93 प्रतिशत कमजोर पड़ गया। हालांकि इस स्टडी में इंसानों पर दवा को आजमा कर नहीं देखा गया, लेकिन ये काम बांग्लादेश के एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने किया। बांग्लादेश के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने अपने यहां भर्ती 60 कोरोना मरीजों को आईवरमैक्टीन की दवा के साथ ही एक एंटीबायोटिक दवा डॉक्सीसाइक्लिन दी। अस्पताल के डॉक्टरों का दावा किया कि दवा देने के 72 घंटे बाद सभी मरीजों का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया।
दरअसल, आईवरमैक्टीन इम्युनिटी बढ़ाने वाली एंटीवायरल दवा मानी जाती है। ये दवा चमत्कारी दवा साबित हो जाए इसके लिए बड़े ट्रायल की जरूरत होगी, लेकिन बिना खास साइड इफेक्ट वाली इस बेहद सस्ती दवा ने मेडिकल जगत को एक नई उम्मीद दे दी है।
Kamal kant sharma and Bhawani joshi newsfastweb.com