ध्वनि प्रदूषण : नियमों का किया उल्लंघन तो सजा व जुर्माना

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ध्वनि प्रदूषण

सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अनुपालना में निर्देश जारी

बीकानेर। ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए रात 10 से सुबह 6 बजे तक ध्वनि प्रसार यंत्रों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। साथ ही पंजीयन के बिना वाहन का उपयोग पाए जाने की स्थिति में जुर्माने के साथ कारावास का प्रावधान किया गया है।

जिला कलक्टर एवं मजिस्ट्रेट कुमारपाल गौतम ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार यह प्रतिबंध लगाया गया है। ध्वनि प्रसार यंत्रों व तेज आवाज के चलते बीमार व्यक्तियों, निशक्तजन, वृद्धजनों, गर्भवती महिलाओं, हृदय रोग से ग्रसित व्यक्तियों, नवजात शिशुओं, विद्यार्थियों, चिकित्सालयों में उपचारत व्यक्तियों, राजकीय कार्यालयों, पशुपक्षियों आदि पर हो रहे विपरीत असर को रोकने के लिए यह आदेश जारी किए गए हैं।

लाउडस्पीकर या लोक सम्बोधन प्रणाली का उपयोग केवल प्राधिकरण से अनुमति लेने के बाद ही किया जा सकेगा। लाउडस्पीकर या ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरण किसी सांस्कृतिक या धार्मिक पर्व के अवसर पर या उसके दौरान लाउडस्पीकर्स या सम्बोधन प्रणाली का उपयोग रात में दस से 12 बजे तक की सीमित अवधि के लिए, जो किसी कलेण्डर वर्ष के दौरान कुल मिलाकर पन्द्रह दिन से ज्यादा की नहीं होगी।

मोटर यान अधिनियम-1988 की अनुपालना जरूरी
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि किसी सार्वजनिक स्थान में या किसी अन्य स्थान में किसी मोटरयान को कोई व्यक्ति या मोटरयान का मालिक तभी चलाएगा या चलाने की अनुमति देगा जब वह यान मोटरयान अधिनियम के तहत रजिस्ट्रीकृत हो। बिना पंजीयन के वाहन का उपयोग होने पर प्रथम दोषसिद्धि पर 5 हजार रूपए के अर्थदण्ड से तथा द्वितीय व पश्चातवर्ती दोषसिद्धि पर एक वर्ष तक कारावास या अर्थदण्ड से दण्डित किया जाएगा।

परमिट लेना अनिवार्य
गौतम ने बताया कि यात्री या माल परिवहन के रूप में वाहन का उपयोग किए जाने से पहले परमिट लेना जरूरी है। परमिट नहीं लेने या परमिट की शर्तों की अनुपालना नहीं करने पर प्रथम अपराध की दोषसिद्धि पर 5 हजार तथा कम से कम 2 हजार रूपए तक के अर्थदण्ड से द्वितीय व इसके बाद दोषसिद्धि पर एक वर्ष तक व कम से कम तीन महीने के कारावास से दण्डित किया जा सकेगा।

Kamal kant sharma newsfastweb.com

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