नहीं चली रोडवेज बसें, लोग परेशान

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रोडवेजकर्मियों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

बीकानेर। राजस्थान रोडवेज श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे के तत्वावधान में आज हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है। रविवार देर रात रोडवेज की ओर से चक्का जाम किए जाने के बाद सुबह से ही यात्रियों को खासा परेशान होते देखा जा रहा है।

रोडवेज कर्मियों के धरने पर बैठने और चक्का जाम के चलते दूर-दराज के क्षेत्रों में आवागमन करने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। खासकर स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को दिक्कतें उठानी पड़ी। रोडवेज बसों के नहीं चलने का फायदा निजी बस संचालकों ने उठाया। निजी बसों के मालिकों ने यात्रियों से मनमाना किराया वसूल किया।

रोडवेज कर्मियों ने बनाई मानव श्रृंखला, जताया सरकार का विरोध

हड़ताल के दौरान केन्द्रीय बस स्टेण्ड पर रोडवेजकर्मियों ने मानव श्रृंखला बनाकर सरकार के उपेक्षात्मक रवैये का विरोध जताया।

हड़ताल में राजस्थान  एटक के महासचिव धर्मवीर चौधरी, सीटू के किशन सिंह राठौड़, इंटक के महामंत्री देवकरण चौधरी, आरएसआटीसी रिटायर्ड एम्पलाइज एसोसिएशन के महासचिव हरगोविन्द शर्मा, बीजेएमएम के प्रदेशाध्यक्ष शिशुपाल सिंह, राजस्थान रोडवेज सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण समिति के महामंत्री शुभकरण आढ़ा सहित कई यूनियनों के पदाधिकारी व आगार के कई कर्मचारी शामिल हुए।

ये हैं मांगें

प्रदर्शनकारी रोडवेजकर्मियों के अनुसार एक हजार नई बसों की खरीद, अवैध बसों के संचालन के खिलाफ कार्रवाई, लोक परिवहन बसों का संचालन बस स्टेण्ड से करीब 2 से 5 किमी दूर से करने, अनुबंध पर रखे गए चालकों को 18 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन, कर्मचारियों की सेवानिवृति परिलाभ का भुगतान करने, महंगाई व भत्ते का बकाया भुगतान करने जैसी कई मांगें सरकार के समक्ष रखी गई हैं।

 

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