समझौते के बाद पांच दंपति न्यायालय परिसर से अपने घर गए साथ।
बीकानेर। पारिवारिक न्यायालय संख्या -1 द्वारा 80 पारिवारिक प्रकरण आज राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे गए थे, जिनमें से 34 प्रकरणों में समझौता करवाया गया। इनमें से पांच प्रकरण ऐसे थे जिनमें दोनों पति-पत्नी न्यायालय परिसर से साथ-साथ दांपत्य जीवन साथ व्यतीत करने के लिए गए।
इनमें से एक प्रकरण में रूखसाना एवं मेहताब अली दोनों का विवाह 12 दिसम्बर, 2012 को हुआ था। दो बच्चों का जन्म होने के बाद दोनों पति-पत्नी में विवाद हो गया था। दोनों मई,2017 से अलग-अलग जीवन व्यतीत कर रहे थे। इसी प्रकार अन्य प्रकरण में मोनिका गहलोत व अनिल गहलोत का विवाह मार्च 2014 में हुआ। ये दोनों भी पिछले 11 महीनों से अलग-अलग रह रहे थे। जिन्हें लोक अदालत में समझाइश के बाद दोनों ने साथ-साथ रहने की सहमति दी तब दोनों में समझौता करवाया। ये दोनों को न्यायालय परिसर से साथ-साथ अपने घर गए।
इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार पारीक एवं पारिवारिक न्यायालय के पीठासीन अधिकारी विनोद कुमार सोनी ने दोनों ही वैवाहिक जोड़ों को न्यायालय की ओर से पौधे देते हुए दोनों को प्यार से साथ-साथ दांपत्य जीवन व्यतीत करने तथा इन पौधों को संचित करने का संकल्प दिलाया।
पारिवारिक न्यायालय संख्या-2 में 76 पारिवारिक वैवाहिक प्रकरण लोक अदालत में रखे गये थे, जिनमें से 15 प्रकरणों में समझौते करवाए गए। दो प्रकरणों में पति-पत्नी न्यायालय से साथ-साथ दांपत्य जीवन व्यतीत करने का संकल्प लेकर अपने घर गए।