प्रदेश स्तर पर कवायद शुरू, निर्वाचन आयोग हुआ सख्त
बीकानेर। विधानसभा चुनाव में आपराधिक प्रवृति के लोग वोट नहीं दे सकेंगे। मतदाता सूची से अपराधियों के नाम काटे जाएंगे। निर्वाचन आयोग की ओर से इस बारे में निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक निर्वाचन विभाग विधानसभा चुनाव को पूरी तरह से शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से करवाने की भरपूर कोशिशों में हैं। अभी कुछ दिन पहले वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को जिले के वांछित अपराधियों के नाम मतदाता सूची से कटवाने के निर्देश दिए हैं।
इनके नाम मतदाता सूची से कटवाने के लिए संबंधित पुलिस अधीक्षकों ने जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भी लिख दिए हैं। जिस पर निर्वाचन अधिकारी के अधीन आने वाले कर्मचारियों को संबंधित थानों से इन वांछित अपराधियों की जानकारी एकत्र कर नाम काटने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
अपराधियों के नाम मतदाता सूची से हटाने के पीछे दो बड़ी वजह बताई जा रही है। जिसमें एक है, इनके द्वारा चुनाव के दौरान गड़बड़ी फैलाने की आशंका उच्च अधिकारियों ने जताई है।
वहीं दूसरी तरफ पुलिस अधिकारियों का मानना है कि जो व्यक्ति अपराधी है और कानून से भाग रहा है। अपने स्थाई पते से फरार चल रहा है और लंबे समय से लापता है, वो आखिर मतदाता कैसे हो सकता है।
हालांकि इनमें कई अपराधियों के नाम कट जाने से फर्जी मतदान की संभावना भी नहीं रहेगी और इनमें कई ऐसे नाम भी सामने आ रहे हैं जिनके नाम यदि मतदाता सूची से काट दिए जाते हैं तो उनके सरेंडर करने की संभावना भी ज्यादा बताई गई है।
जानकारी के मुताबिक बीकानेर पुलिस रेंज में करीब छह हजार वांछित अपराधी पुलिस के लिए परेशानी बने हुए हैं। ये अपराधी न्यायालय से फरार हैं और समय पर कोर्ट में पेशी पर नहीं आ रहे हैं। ना ही मुकदमे में होने वाली पेशी पर न्यायालय में हाजरी देने पहुंच रहे हैं। जबकि न्यायालय उनके खिलाफ वारंट तक जारी कर चुका है।
इनके अलावा उन वांछित अपराधियों को भी शामिल किया जाएगा। जिनको स्थानीय पुलिस ने भगौड़ा घोषित कर रखा है और वे पिछले कई वर्षों से गिरफ्तारी के डर से अज्ञात जगह फरारी काट रहे हैं।
बताया जा रहा है कि जिले में करीब डेढ़ हजार वांछित अपराधियों के नाम मतदाता सूचि से काटने की तैयारी की जा रही है। प्रदेश के करीब 90 हजार वांछित अपराधियों का नाम मतदाता सूची से काटे जाएंगे।