हत्यारा गिरफ्तार, जेएनवी कॉलोनी थाना क्षेत्र की घटना।
बीकानेर। जेएनवी कॉलोनी पुलिस थाना क्षेत्र में शनिवार रात को एक साथ दो युवकों की हत्या कर दी गई। सूचना मिलने पर एसएचओ गोविंद सिंह अपने स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों शवों को वहां से उठवाकर पीबीएम परिसर स्थित मोर्चरी में रखवाया। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंपे।
थानाधिकारी गोविंदसिंह ने बताया कि शनिवार रात को तकरीबन साढ़े बारह बजे देवकुण्ड सागर के माजिसा बास स्थित गायों की बाड़े में काम करने वाले एक मजदूर ने अपने दो साथियों की लोहे की रॉड से सिर पर वार कर हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी मौके पर से फरार हो गया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने वहां मौजूद अन्य मजदूरों से पूछताछ की और आरोपी को पीछा करते हुए श्रीडूंगरगढ़ टोल नाके के पास गिरफ्तार कर लिया।
थानाधिकारी के अनुसार गायों का यह बाड़ा माजिसा बास में रहने वाले ब्रजेन्द्रसिंह पुत्र बलदेवसिंह का है। बाड़े में दूध डेयरी का संचालन किया जा रहा है। डेयरी का काम ब्रजेन्द्रसिंह की पत्नी प्रेम कंवर संभालती हैं। 7-8 दर्जन गायों की देखरेख के लिए ब्रजेन्द्रसिंह ने पांच मजदूर धीरज, महावीर, श्रवण, आसू व संदीप रखे हुए थे।
ये सभी मजदूर डेयरी फार्म में ही रहते थे। शनिवार रात को पांचों मजदूर सो रहे थे, इस दौरान रंजिश के चलते संगरिया निवासी संदीप पुत्र रामकुमार मेघवाल ने वहीं पास में गहरी नींद में सो रहे राजासर भाटियान निवासी कालू उर्फ महावीर सिंह पुत्र रामसिंह व धीरज पुत्र मदनलाल नायक के सिर पर लोहे की भारी रॉड से वार कर उन दोनों की हत्या कर दी और मौके पर से फरार हो गया।
वारदात के दौरान मजदूर आसू व श्रवणसिंह भी वहीं पास में सो रहे थे, चिल्लाने की आवाज सुनकर श्रवणसिंह नींद से जाग गया, उसने बीच-बचाव करने की कोशिश की लेकिन तब तक दोनों मजूदरों की जान जा चुकी थी। श्रवणसिंह ने बाड़े के मालिक ब्रजेन्द्रसिंह को फोन कर घटना की जानकारी दी।
मौके पर पहुंचे ब्रजेन्द्रसिंह ने देखा कि धीरज व कालू उर्फ महावीर सिंह के शव खून से लथपथ पड़े थे। इस पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को पीबीएम मोर्चरी में रखवाया और आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए कई स्थानों पर दबिश देना शुरू किया। श्रीडूंगरगढ़ टोल नाके के पास आरोपी पकड़ा गया।
ये बताई गई हत्या की वजह
जानकारी के मुताबिक पूछताछ के दौरान आरोपी संदीप ने पुलिस को बताया कि वह सभी मजदूरों में से नया था, इसलिए कालू उर्फ महावीर सिंह व धीरज दोनों उससे ज्यादा काम करवाते थे, इस बात को लेकर कुछ दिनों पहले आरोपी संदीप व मृतकों के बीच झगड़ा हुआ था। तब बाड़े के मालिक ब्रजेन्द्रसिंह ने दोनों से समझाइश कर मामला शांत करवा दिया था। लेकिन आरोपी संदीप ने उसी दिन दोनों को मारने का विचार बना लिया था। इसके चलते आरोपी शनिवार रात को अकेला कमरे से बाहर सोया था, जहां आधी रात को मौका मिलते ही गायों को बांधने वाले लोहे के सब्बल से कमरे में घुसकर गहरी नींद में सो रहे धीरज व कालू उर्फ महावीर के सिर पर ताबड़तोड़ वार कर दिए, जिससे दोनों की मौके पर मौत हो गई।