हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा, 25 हजार रुपए जुर्माना भी

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Sentence: Life imprisonment and fine to the accused of dowry murder

नौ वर्ष पुराना बीछवाल थाना क्षेत्र का है मामला

आरोपी छतरगढ़ का है रहने वाला, पैसे के लेनदेन को लेकर की थी हत्या

बीकानेर। अपर सत्र न्यायधीश संख्या-3 के पीठासीन अधिकारी महावीर महावर की अदालत ने 9 वर्ष पूराने जयसिंह की हत्या के मामले में आरोपी छतरगढ़ निवासी गुरमीतसिंह मजहबी सिख को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास सहित 25 हजार रुपये अर्थदण्ड से दण्डित किया हैं। आरोपी द्वारा अर्थदण्ड की राशि अदालत में जमा नहीं करवाने पर उसे 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।


अपर लोक अभियोजक सम्पूर्णानन्द व्यास के अनुसार 22 जुलाई, 2014 को जोधपुर-श्रीगंगानगर बाइपास पर स्थित एक कृषि फॉर्म के पास जयसिंह नाम के युवक की हत्या कर दी गई थी, हत्या का आरोपी छतरगढ़ निवासी गुरमीत सिंह पर लगे थे। प्रकरण में अपर लोक अभियोजक की ओर से 17 गवाहों के बयान न्यायालय में करवाए गए।

वहीं 45 दस्तावेजी सबूत पेश किए गए। प्रकरण में 5 आर्टीकल भी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। अपर सत्र न्यायधीश संख्या-3 के पीठासीन अधिकारी महावीर महावर की अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए आईपीसी की धारा-302 में आरोपी गुरमीत सिंह को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया। साथ ही आरोपी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
अदालत में पीडीत प्रतिकर स्कीम के तहत मृतक जयसिंह के वारीसान को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मुआवजा देने की अनुसंशा भी की गई है।

ये है प्रकरण


अपर लोक अभियोजक सम्पूर्णानन्द व्यास ने बताया कि प्रकरण के अनुसार परिवादी भंवरसिंह ने 22 जुलाई 2014 को थाना पुलिस बीछवाल रिपोर्ट दी थी कि जयसिंह उसके चाचा का लडका भाई है। जिसका कमल नायक निवासी उदासर दोस्त है। 22 जुलाई 2014 को दिन में भंवरसिंह तथा जयसिंह, विक्रमसिंह एवं सुरेन्द्र सिंह जोधपुर-श्रीगंगानगर बाइपास पर स्थित श्री सांई कृषि फार्म पर कमल के पास गए थे। उक्त कृषि फार्म हरीसिंह यादव का है तथा सामने ही हरिसिंह की कृषि भूमि है। कमल नायक श्री सांई कृषि फार्म में मुनीम का काम करता है। शाम करीब साढ़े तीन या चार बजे परिवादी तथा जयसिंह, विक्रम सिंह, सुरेन्द्रसिंह उक्त कृषि भूमि पर कमल से बात कर रहे थे। इसी दौरान वहां काम करने वाला आरापी गुरमीत सिंह कमल से आकर कहने लगा कि फार्म हाउस की उसने फेंसिंग की थी, उसके पैसे उसे आज ही दे। इस पर कमल ने कहा कि सेठ ने मुझे अभी रुपये नहीं दिये हैं, सेठ द्वारा रूपये देने पर मैं तुझे दे दूंगा।

इस बात से आरोपी नाराज होकर गाली -गलौच करते हुए झगड़ा करने लगा। जयसिंह ने बीच-बचाव करते हुए आरोपी को समझाने की कोशिश की तब आरोपी गुस्से में आ गया और जयसिंह को कहने लगा कि तू साले बीच में पंचायती करने वाला कौन होता है। इतना कहकर आरोपी ने खेत पर पडा फावड़ा उठा लिया व कमल तथा जयसिंह की ओर फावड़ा लेकर दौड़ा और कहने लगा आज तुमको जान से मारे बिना नहीं छोडूंगा। वे सभी डर के मारे वहां से भागने लगे। कुछ दूरी पर उसी खेत में जयसिंह को आरोपी ने रोक लिया व धारदार फावड़े से आरोपी ने जयसिंह के गर्दन पर वार किया। जिससे जयसिंह जमीन पर गिर गया। जयसिंह के जमीन पर गिरे हुए के आरोपी ने दो तीन चोटें गर्दन पर मारी। उन्होंने शोर मचाया व जयसिंह की तरफ दौड़ के आये, तब आरोपी फावड़ा लेकर भाग निकला। धारदार फावड़े से गर्दन पर गंभीर चोटे लगने पर जयसिंह का काफी खुन बह गया। जिससे उसकी मौत हो गयी थी।

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