कहा, दिव्यांग जनों को चुनाव में आरक्षण की कोई जरूरत नहीं।
जयपुर। प्रदेश में दिव्यांगों को चुनावों में आरक्षण देने के मुद्दे पर विवाद शुरू हो गया है। 8 सालों से पंचायती राज और निकाय चुनावों में दिव्यांग आरक्षण की मांग कर रहे हैं। लेकिन गहलोत सरकार के मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने एक ही झटके में इस मांग को खारिज कर दिया।
आज एक बयान में मेघवाल ने कहा कि दिव्यांगजनों को चुनाव में आरक्षण की कोई जरूरत नहीं है। दिव्यांगजनों के सम्मान समारोह में उन्होंने कहा, ‘दिव्यांगों को चुनाव में आरक्षण की किसी भी तरह की जरूरत नहीं है, क्योंकि चुनाव लडंने का सभी को अधिकार है। इसलिए दिव्यांगजन चाहे तो वैसे ही चुनाव लड़ सकते हैं। इसमें आरक्षण की बात कहां से आती है।’
मंत्री के इस बयान से कार्यक्रम में मौजूद दिव्यांग काफी खफा हो गए। वहां मौजूद दिव्यांगों ने कहा कि कई सालों से विशेष श्रेणी के अंतर्गत चुनाव में आरक्षित सीटों की मांग की जा रही है। जिसका कांग्रेस नेताओं ने भी इस मांग का समर्थन किया है।
इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने चुनावों में 4 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं।
जबकि दिव्यांगों के लिए लंबे समय से आरक्षण की मांग के लिए आंदोलन कर रहे हेमन्त भाई गोयल ने कहा है कि ‘कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने हमारी मांग का समर्थन किया था। शायद मंत्रीजी को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है। लगातार दिव्यांगों को आरक्षण दिए जाने को लेकर हम आवाज उठा रहे है। पिछली सरकार में भी इस संबंध में फाइलें गई थी। वर्तमान सरकार में भी इस प्रस्ताव पर फाइलें ली हैं।’
इससे पहले सरकार दिव्यांगों के लिए नौकरी में 4 फीसदी आरक्षण लागू कर चुकी है, लेकिन मंत्री के इस बयान के बाद में दिव्यांगजनों ने खासी नाराजगी है।