प्रवासी मजदूरों के पास न खाने को भोजन और न ही देने को किराया, देखें वीडियो…

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Migrant laborers have neither food nor rent to pay

कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, घर भेजने की लगाई गुहार

बीकानेर। रोजी-रोटी के लिए यहां आए प्रवासी मजदूरों के पास लॉकडाउन के चलते अब न तो काम है, न ही खाने को भोजन और न ही देने को किराया है। ऐसे में अब उनका धेर्य भी टूटता नजर आ रहा है। आज प्रवासी मजदूर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और उन्हें अपने घर भेजे जाने की गुहार लगाई।

पश्चिम बंगाल की रहने वाली प्रवासी मजदूर सीमादास ने न्यूजफास्ट वेब को बताया कि उनके पति होटल में काम करते हैं और वह खुद लोगों के घरों में काम करती है, लेकिन लॉकडाउन के चलते दोनों का काम बंद हो गया है। ऐसी स्थिति में उनके सामने खाने और किराया देने का संकट खड़ा हो गया है। छोटे बच्चों के लिए दूध तक नहीं खरीद पाने का दर्द उसके चहरे पर साफ नजर आ रहा था। सीमा जैसे कई मजदूरों ने प्रशासन से सहायता की गुहार लगाई।

एडीएम सिटी सुनीता चौधरी ने भामाशाह मोहन सुराणा को बुलवाया और उन्हें मजदूरों के भोजन की व्यवस्था करने के लिए कहा। जिस पर मोहन सुराणा मजदूरों के पास पहुंचे और उन्हें भोजन उपलब्ध करने का आश्वासन दिया।

भाजपा जिला महामंत्री सुराणा से आश्वासन मिलने के बाद एकबारगी तो प्रवासी मजदूर मान गए लेकिन जब तक उन्हें दो वक्त की रोटी के साथ अन्य रोजमर्रा का सामान जुटाने के लिए पैसे की व्यवस्था नहीं होगी, उनके सामने इस प्रकार की समस्या लगातार बनी रहेगी।

Kamal kant sharma and Bhawani joshi newsfastweb.com

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