अपने ही बढ़ा रहे कांग्रेस की मुश्किल, दिखने लगा मिशन रिपीट खटाई में
प्रचार-प्रसार में पार्टी के बड़े चेहरों और प्रदेश स्तरीय नेताओं को दरकिनार करने के आरोप
बीकानेर। विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस में आपसी कलह बढ़ती जा रही है। रणनीति को लेकर कांग्रेस नेताओं में सहमति नहीं दिख रही है। चुनावी रणनीति को लेकर कांग्रेस के कई नेता नाराज दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेताओं में नाराजगी की वजह अन्य नेताओं को दरकिनार कर सिर्फ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार के प्रचार-प्रसार को लेकर है। उन्होंने अपनी नाराजगी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल तक पहुंचाई है।
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक अब तक केवल अशोक गहलोत की फोटो के ही होर्डिंग्स व पोस्टर लगाए गए हैं। इंटरनेट मीडिया में भी केवल सीएम का फेस ही दिखाया जा रहा है। किसी भी प्रचार सामग्री में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, खरगे, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की फोटो का उपयोग नहीं किया गया है। इस वजह से पार्टी के कुछ नेता नाराज हैं। नाराज नेताओं का मानना है कि प्रदेशभर में सडक़ों पर लगे होर्डिंग्स एपोस्टर्स सहित अन्य संसाधनों में यह दिखाने का प्रयास किया गया कि गहलोत के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जा रहा है, जबकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित अन्य नेताओं को सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लडऩे और चुनाव के बाद सीएम को लेकर निर्णय करने का आश्वसन दिया था।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के नाराज नेताओं ने चुनाव अभियान की कमान संभाल रही निजी एजेंसी डिजाइन बक्स के रवैये पर भी सवाल उठाए हैं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने तो राहुल गांधी तक यह संदेश पहुचांया है कि बॉक्स एजेंसी जिस तरह से चल रही है वह ठीक नहीं है। राहुल गांधी को बताया गया है कि गहलोत सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन चुनाव में पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं के चेहरे भी आगे रहने चाहिए। पार्टी संगठन के नेताओं व नीतियों का प्रचार होना चाहिए, जो नहीं हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस की वर्तमान रणनीति से नाराज नेताओं का तर्क है कि पूर्वी राजस्थान और गुर्जर बहुल क्षेत्रों में पायलट, जाट बहुल क्षेत्रों में डोटासरा व चौधरी और आदिवासियों में गहलोत सरकार में मंत्री महेंद्र जीत मालवीय एवं पूर्व सांसद रघुवीर मीणा के चेहरों का अधिक प्रचार-प्रसार होना चाहिए। भाजपा का मुकाबला करने के लिए महिला नेताओं को आगे किया जाना चाहिए। नेताओं का मानना यह भी है कि सीएम और सरकार का अधिक प्रचार-प्रसार करने से एंटी इंकंबेंसी का भी खतरा पैदा हो सकता है।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com