प्रदेश की इस सीट पर यह कैसा प्रचार? अपने ही प्रत्याशी के खिलाफ पार्टी
पिछले दिनों बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर हुए नाटकीय घटनाक्रम से कांग्रेस की फजीहत
बीकानेर। लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों के वोट मांगने के लिए ताबड़तोड़ कैंपेन चलाए जा रहे हैं। लेकिन इस बीच प्रदेश की एक ऐसी लोकसभा सीट है जहां पर कांग्रेस यह कह रही है कि आप ‘हमें वोट मत दीजिए’। यह सुनकर सभी हैरान हो गए होंगे। लेकिन यह सच है। यह लोकसभा सीट है बांसवाड़ा-डूंगरपुर क्षेत्र।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार शायद यह इतिहास का पहला मौका है, जब कोई पार्टी अपने ही प्रत्याशी के खिलाफ है। कांग्रेस ने यहां से भारत आदिवासी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। लेकिन कांग्रेस नेता अरविंद डामोर ने उनके साथ बड़ा खेला कर दिया। अब यह गठबंधन कांग्रेस के गले की फांस बन गया है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस अब हाथ के सिंबल पर चुनाव लड़ रही है। डामोर के खिलाफ प्रचार कर लोगों को यही कह रही है कि आप कांग्रेस के सिंबलधारी अरविंद डामोर को वोट मत दीजिए। गौरतलब है कि कांग्रेस ने डामोर को अनुशासनहीनता के चलते 6 साल तक निष्कासित कर दिया है।
बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर बीते दिनों जो नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। इससे कांग्रेस के जमकर फजीहत हुई है। कांग्रेस ने बीते दिनों गठबंधन की चर्चाओं के बीच अर्जुन बामनिया को टिकट दिया। लेकिन बामनिया ने एन मौके पर खुद की जगह अरविंद डामोर का नामांकन भरवा दिया। उसी रात कांग्रेस ने गठबंधन का भी ऐलान कर दिया। इससे खफा होकर अरविंद डामोर ने 8 अप्रेल को अपना नामांकन वापस नहीं लिया। इसके कारण कांग्रेस ने उन्हें 6 सालों तक पार्टी से निष्कासित कर दिया। इस दौरान भले ही कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया है लेकिन अभी भी कांग्रेस का सिंबल उन्हीं के पास है।
कांग्रेस के आला नेताओं ने फैलाया गठबंधन के कन्फ्यूजन का रायता
बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के ‘गठबंधन के कन्फ्यूजन’ ने पार्टी में रायता फैला दिया है। इसको लेकर सियासी गलियारों में कांग्रेस की जमकर फजीहत हो रही है। नेशनल लेवल की पार्टी की ओर से गठबंधन को लेकर जो सियासी घटनाक्रम देखने को मिला, उससे कांग्रेस की काफी किरकिरी हुई है। एक तरफ कांग्रेस ने बाप पार्टी से गठबंधन का ऐलान कर दिया है, दूसरी ओर पार्टी से निष्कासित हुए अरविंद डामोर अब भी कांग्रेस के सिंबल से चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में बांसवाड़ा लोकसभा का पूरा चुनाव ही कन्फ्यूजन में दिखाई दे रहा है। अब लोगों में इस बात को लेकर असमंजस है कि अरविंद डामोर कांग्रेस के सिंबल पर वोट मांगेंगे जबकि कांग्रेस गठबंधन का हवाला देते हुए राजकुमार रोत के पक्ष में वोट मांग रही है। अब कांग्रेसी वोटर्स कन्फ्यूजन में हैं कि आखिर किसको वोट दें?
अरविंद डामोर कांग्रेस के सिंबल पर ही लड़ेंगे चुनाव
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार कांग्रेस की ओर से पूर्व में अधिकृत प्रत्याशी बनाए गए अरविंद डामोर ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया। इस दौरान भले ही पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया लेकिन सिंबल तो अभी भी अरविंद डामोर के पास है। नामांकन वापस नहीं लेने की स्थिति में चुनाव आयोग के पास यही रिकॉर्ड है कि अरविंद डामोर ही कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी हैं। लिहाजा इस चुनाव में भले ही कांग्रेस यह चीख-चीख कर कह रही है कि हमने बीएपी के साथ गठबंधन कर राजकुमार रोत को समर्थन दे दिया है। लेकिन अरविंद डामोर कांग्रेस के चिन्ह पर ही चुनाव लड़ेंगे। इस चुनाव में उन्हें कांग्रेसी प्रत्याशी होने का फायदा मिलेगा।