देर से मिलेंगे लोकसभा चुनाव परिणाम, जानिए क्यों ?.. 

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लोकसभा चुनाव परिणाम

50 फीसदी पर्चियों के मिलान की मांग सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, 21 विपक्षी दलों को लगा झटका।

नई दिल्ली। विपक्षी दलों की ईवीएम मशीनों पर उठाई जा रही शंका का समाधान इस बार लोकसभा चुनाव परिणामों पर पड़ेगा। वीवीपैट-ईवीएम की पर्ची मिलान से परिणाम मिलने में कम से कम 4 से 5 घंटे देर हो सकती है।

गौरतलब है कि पांचवें चरण के चुनाव के बाद विपक्षी पार्टियों ने एक बार फिर 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों के मिलान का राग छेड़ा है। हालांकि इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी दलों की याचिका खारिज कर दी है।

देरी की वजह बनेगा वीवीपैट-ईवीएम पर्ची का मिलान

ऐसे में चुनाव आयोग अपनी निष्पक्षता और ईवीएम पर विश्वास बहाली को लेकर वीवीपैट की पांच पर्चियों का मिलान करने को राजी हो गया है। इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय ने भी निर्देशित किया था। यही बात परिणामों में देरी की वजह बनेगी। उपचुनाव आयुक्त सुदीप जैन ने भी एक न्यूज चैनल पर स्वीकार किया था कि इस बार चुनावी नतीजों में कुछ देरी हो सकती है। नतीजे इस बार 4-5 घंटे देरी से आ सकते हैं। उन्होंने भी वीवीपैट-ईवीएम की पर्चियों के मिलान को इस देरी के लिए बड़ा कारण माना है।

सुप्रीम कोर्ट दे चुका है झटका

गौरतलब है कि मंगलवार को 21 विपक्षी दलों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। इन दलों की 50 फीसदी पर्चियों के मिलान की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।। इस याचिका को टीडीपी और कांग्रेस सहित 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया था।

फिर चुनाव आयोग जाएंगे 21 विपक्षी दल

याचिका को खारिज करते हुए चीफ  जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि वह इस मामले में दखलअंदाजी नहीं करना चाहते हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि जब चुनाव आयोग ने उनकी बात नहीं सुनी थी तो वह यहां आए, लेकिन अब वह फिर चुनाव आयोग जाएंगे।

 

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