बिजली, पेट्रोल-डीजल के दाम करने, गैरआयकर दाता परिवारों को साढ़े सात हजार रुपए छह माह तक देने की मांग
बीकानेर। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माक्र्सवादी के देशव्यापी आह्वान पर केंद्र व राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आज यहां कलक्टर कार्यालय के आगे प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी माकपा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा।
माकपा नेता एडवोकेट बजरंग छींपा ने बताया कि ज्ञापन के जरिए केन्द्र व राज्य सरकार के समक्ष, बिजली के छह महीनों के बिल माफ किए जाएं, बिजली व पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी की जाए, मनरेगा मेें 200 दिनों तक का काम दिया जाए, मनरेगा के तहत मजदूरी छह सौ रुपए प्रतिदिन की जाए, भारत माला प्रोजेक्ट के तहत किसानों को उनकी जमीनों का पर्याप्त मुआवजा दिया जाए, गैरआयकर दाता प्रत्येक परिवार को साढ़े सात हजार रुपए की सहायत राशि छह महीनों तक दी जाए, शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू की जाए, सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर रोक लगाई जाए जैसी जनहित से जुड़ी कई मांगें रखी गई हैं।
इससे पहले गंगा थिएटर के पास प्रदर्शनकारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए सभा की। जिसमें माकपा नेता अंजनीकुमार शर्मा, जेठाराम लाखूसर, मोहन भादू, भरत कस्वां, छोगाराम तर्ड, अशोक पुरोहित, रामप्रताप पटीर, सुंदर बेनीवाल, मूलचंद खत्री, मोहरसिंह, शेखर रेगर, सेवानिवृत तहसीलदार चंदगीराम आर्य ने अपने विचार रखते हुए कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी की आपदा को सरकारें अवसर मान कर आमजन को लूटने का काम कर रही हैं। कोरोना काल में आम आदमी का रोजगार काफी हद तक खत्म सा हो गया है, सरकार को आमजन को सहायता राशि देनी चाहिए और बिजली के बिल छह महीने तक माफ किए जाने चाहिए।
प्रदर्शन में भंवरलाल, प्रभुराम मूंड, ओमप्रकाश मेघवाल, अमोल आचार्य, रमेश कुमार, विजेंद्र सिंह, किशन लाल, मांगीलाल सहित बड़ी संख्या में माकपा कार्यकर्ता शामिल हुए।
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