प्रदेश, जिला व ब्लॉक स्तर पर कार्यकारिणी के गठन में समय लगना तय
बीकानेर। प्रदेश कांग्रेस संगठन के पदों पर नियुक्तियों की उम्मीद लगाए बैठे नेताओं को अभी और इंतजार करना होगा। कांग्रेस में फिलहाल जिला से लेकर प्रदेश स्तर तक नई कार्यकारिणी के गठन की उम्मीद कम हैं। ऐसे में प्रदेश, जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्यकारिणी के गठन में समय लगना तय माना जा रहा है।
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन पहले सभी जिलों के नेताओं के साथ फीडबैक बैठकें लेंगे। इन फीडबैक बैठकों के बाद ही प्रदेश से लेकर जिला और ब्लॉक कार्यकारिणी के बारे में फैसला होगा। अजय माकन ने अभी तक जयपुर और अजमेर संभाग के 11 जिलों के नेताओं के साथ ही फीडबैक बैठकें की हैं। अभी 5 संभागों के 22 जिलों के नेताओं से फीडबैक बैठकें करना बाकी है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि पहले सभी जिलों के नेताओं के मन की बात सुनी जाएगी और फिर उसके बाद ही टॉप टू बॉटम नई टीम बनाई जाएगी। अजय माकन का फीडबैक कार्यक्रम अभी तय नहीं हुआ है। ऐसे में मामला लंबा खिंचेगा।
प्रदेश कांग्रेस के आला पदाधिकारियों का मानना है कि अजय माकन 11 जिलों का फीडबैक ले चुके हैं, शेष बचे हुए जिलों का फीडबैक वे अस्वस्थ्य होने की वजह से नहीं ले पाए थे। अब वे स्वस्थ हैं, जल्द ही बचे हुए जिलों का फीडबैक लेंगे। उसके बाद कार्यकारिणी पर फैसला होगा।
गौरतलब है कि सचिन पायलट की बगावत के बाद 15 जुलाई को कांग्रेस की ब्लॉक से लेकर प्रदेश स्तर तक की कार्यकारणी भंग कर दी गई थी। अग्रिम संगठनों एवं विभिन्न प्रकोष्ठों को भी भंग कर दिया गया था। तब से लेकर अब तक पार्टी में किसी पदाधिकारी की निुयक्ति नहीं हुई है। पार्टी में प्रदेश कार्यकारिणी, जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष जिला, ब्लॉक कार्यकारिणी, विभाग और प्रकोष्ठों में करीब 15 हजार से ज्यादा नेताओं की नियुक्तियां होनी हैं लेकिन फीडबैक कार्यक्रम के पेच के कारण फिलहाल सब अटक गया है।
इसी बीच अब प्रदेश के तीन बड़े शहरों के 6 नगर निगमों के चुनाव 31 अक्टूबर से पहले कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश आ गए हैं। राजस्थान हाई कोर्ट ने 31 अक्टूबर तक नगर निगम के चुनाव कराने के लिए सरकार से कहा था। लेकिन अशोक गहलोत सरकार कोरोना महामारी का हवाला देकर ये चुनाव टालना चाहती थी। इसी मुद्दे को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करते हुए 31 अक्टूबर से पहले चुनाव कराने और एक सप्ताह में चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के निर्देश दिए। ऐसे में नगर निगम चुनाव भी बिना कार्यकारिणी के ही होंगे। प्रदेश संगठन की नियुक्तियों में अब लंबा वक्त लगना तय माना जा रहा है।
#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com