स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इण्डिया के द्वारा कूडो को मिली है मान्यता तो राज्य सरकार क्यों कर रही है मान्यता देने से परहेज।
बीकानेर। कूडो खेल को स्कूली खेल कलेण्डर में शामिल किया जाएगा। तभी इस खेल में अपना जौहर दिखाने और इसे खेलने वाले खिलाडिय़ों को इसका राष्ट्रीय स्तर पर लाभ मिलेगा। ऐसा न होने की स्थिति में इस खेल से जुड़े खिलाडिय़ों का मनोबल गिरता जा रहा है।
प्रेस वार्ता में राज्य सरकार से इसकी मांग उठाते हुए प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार मेनारिया ने कहा कि जब स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इण्डिया के द्वारा कूडो को मान्यता प्रदान कर रखी है, तो राज्य सरकार को इस स्कूली खेल पंचाग में शामिल करने से परहेज नहीं करना चाहिये।
मेनारिया ने कहा कि अगर राष्ट्रीय स्तर की पदक तालिका की बात करें तो राजस्थान 24 वें स्थान पर है। जिसके 25 प्रतिशत योगदान कूडो खिलाडिय़ों का है। जिन्होंने रिकार्ड तोड़ पदक प्राप्त किये है।
उन्होंने बताया कि हॉल ही में मध्य प्रदेश के सागर जिले में आयोजित 64वीं राष्ट्रीय स्कूली कूडो चैम्पियनशिप में राजस्थान टीम ने शानदार प्रदर्शन कर 6 स्वर्णए 15 रजत तथा 26 कांस्य पदक सहित 47 पदक जीत कर तीसरा स्थान हासिल किया। जो अपने आप में उपलब्धि है, क्योंकि किसी भी खेल में एक साथ इतने पदक आज तक प्राप्त नहीं हुए है।
कूडो एसोसियेशन ऑफ बीकानेर के अध्यक्ष देवेन्द्र विश्नोई ने कहा कि संगठन ने अपने स्तर पर खिलाडिय़ों को तैयार किया है और आगे भी वे बेहतरीन खिलाडिय़ों को तैयार करेगी। अगर राज्य सरकार इसे स्कूली शिक्षा में शामिल कर ले तो राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य के खिलाड़ी अपना परचम फहराकर जिले का नाम रोशन कर सकेंगे।
विश्रोई ने कहा कि वे नियमानुसार अगले सत्र के लिये सरकार को इसकी अनुशंसा भेजेंगे। टैक्नीकल डायरेक्टर प्रीतम सैन ने बताया कि जापान में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी भारत को चार पदक हासिल हुए।
विजेता खिलाडिय़ों व प्रशिक्षकों का सम्मान
कूडो एसोसियेशन ऑफ बीकानेर की ओर से महिला मंडल स्कूल में राष्ट्रीय स्तर पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों का सम्मान किया गया। साथ ही दस खेल प्रशिक्षकों को भी सम्मानित किया गया।
संगठन के अध्यक्ष देवेन्द्र विश्नोई व प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार मेनारिया ने इन खिलाडिय़ों व प्रशिक्षकों को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।