कोचर मण्डल की हीरक जयंती, आयोजित होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम

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कोचर मण्डल

तीन दिन तक चलेगा राष्ट्रीय स्तर कार्यक्रम, कवि सम्मेलन, भक्ति संगीत संध्या, नृत्य एवं नाटक का होगा मंचन।

बीकानेर। आचार्य श्रीमद् विजय वल्लभ सूरीश्वर मसा के आशीर्वाद से कोचर मण्डल इस वर्ष अपने 75 साल पूरं कर रहा है। इस उपलक्ष में कोचर मण्डल की ओर से हीरक जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है।

इस बारे में मण्डल सदस्य जितेन्द्र कोचर ने बताया कि इसी उपलक्ष में तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, जिसमें नृत्य, नाटक, भक्ति संध्या, शोभायात्रा, कवि सम्मेलन एवं सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा।

जिसमें कला क्षेत्र में प्रसिद्ध कलाकार शहरवासियों का मनोरंजन तो करेंगे ही साथ ही पुरातन काल से बजाये जा रहे वाद्य यंत्रों खड़ताल, मृदंग, बांसुरी, सितार, गिटार, तबला, सारंगी, रावण हत्था आदि का वादन कर मंत्रमुग्ध करेंगे।

कोचर मण्डल

जितेन्द्र कोचर ने बताया कि यह कार्यक्रम 4 से 6 जनवरी तक चलेंगे। मण्डल के ही सुरेन्द्र कोचर ने बताया कि चार जनवरी की शाम भक्ति एवं सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा जिसमें इंदौर के प्रसिद्ध जैन भजन गायक कलाकार रूपेश जैन अपने भक्ति भजनों की प्रस्तुति देंगे।

इसी दिन शाम को अन्तरराष्ट्रीय ख्याती प्राप्त बैंड मास्टर अमीर के सानिध्य में अपनी प्रस्तुती देगा। इसके अलावा कोचर परिवार द्वारा नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी।

आयोजन से जुड़े कोचर मण्डल के वरिष्ठ सदस्य शान्तिचंद कोचर ने बताया कि 5 जनवरी की शाम कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा जिसमें ख्यातनाम कवि सत्यनारायण सत्तन, राहत इन्दौरी, प्रताप फौजदार, सुदीप भोला, दिनेश रघुवंशी, योगेन्द्र शर्मा, मुन्ना बेट्री, भुवन मोहिनी अपनी कविताओं का वाचन करेंगे।

कार्यक्रम के अंतिम दिन 6 जनवरी की सुबह 9.30 बजे सकल कोचर परिवार द्वारा शोभायात्रा निकाली जाएगी। रात्रि आठ बजे अनुराग कला केन्द्र द्वारा प्रसिद्ध नाटक ‘चारकोटÓ का मंचन किया जाएगा तथा स्थानीय कलाकारों द्वारा भक्ति संध्या आयोजित की जाएगी। सुरेन्द्र कोचर ने बताया कि सभी कार्यक्रम कोचरों के चौक में आयोजित किये जाएंगे।

मण्डल की महिलाओं का होगा सम्मान

आयोजन से जुड़े जितेन्द्र कोचर ने बताया कि इस अवसर पर कोचर मण्डल की नींव कहे जाने वाले सूरजमल कोचर द्वारा अपने आरंभिक समय में एक बालिका मण्डल का गठन किया था।

यह मण्डल पर परागत तरीके से डंाडिया नृत्य की प्रस्तुति पूरे देश में सामाजिक आयोजनों में देती थी। इसमें शामिल बालिकाएं जो अब इनमें से कई वृद्ध हो चुकि हैं और कई व्यस्क महिलाऐं हैं जो आज देश के विभिन्न क्षेत्रों में रह रही हैं उनका सम्मान कोचर मण्डल की ओर से किया जाएगा।

 

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