किशन-किसन कहे तो तू तर जाएगा – पं. व्यास

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वैद्य मघाराम कॉलोनी में भागवत कथा सप्ताह का आयोजन

बीकानेर। कलियुग में जिन लोगों के पास रोजाना भगवत भजन और पूजा पाठ का समय नहीं है तो वह भागवत सप्ताह यज्ञ को सुनकर ही पुण्य के भागी बन सकते हैं। ये व्याख्यान कथा वाचक पंडित पुरुषोत्तम व्यास ने वैद्य मघाराम कॉलोनी में चल रही भागवत कथा सप्ताह के दौरान श्रद्धालुओं से कही।

महाराज ने कथा के तीसरे दिन ध्रुव चरित्र, जड़ भरत चरित्र, अजामिल कथा, प्रहलाद चरित्र, नरसिंह संवाद तथा वामन अवतार का व्याख्यान किया। ध्रुव चरित्र पर व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा कि मात्र 5 वर्ष की अवस्था में ध्रुव ने भगवान का स्मरण किया और अल्प समय मे ही भगवान ने स्वयं मधुवन में आकर ध्रुव को दर्शन दिए और अखंड राज्य प्रदान करते हुए उनके लिए ध्रुव लोक का निर्माण किया।

उन्होंने कहा कि आंसू बहाने है तो भगवान के सामने आंसू बहाओ, जो भगवान के सामने रोता हंै उसे संसार कभी रुला नहीं सकता। उन्होंने ध्रुव चरित्र को पवित्र बालक चरित्र बताया। ‘लालयेत पंच वर्षण्यि’ यानि पांच साल तक बच्चों को दुलार करना चाहिए। पांच से पन्द्रह वर्ष के मध्य ताडऩा, भय-डांट दिखाते रहें। जब वह बालक किशोर व युवा अवस्था में हो तो पिता को मित्रवत व्यवहार करना चाहिए। पिता का व्यवहार बालक के प्रति मित्र जैसा हो।

उन्होंने गृहस्थ आश्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पुनीत आश्रम है। जड़ भरत का व्याख्यान सुनाते हुए परमहंस के लक्षण बताए।

आयोजक विमला देवी पारीक ने बताया कि समाजसेवी पंंडित लक्ष्मीनारायण पारीक (पंडितजी) की पुण्यस्मृति में कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर काफी तादाद में भक्त मौजूद रहे।

 

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