स्वर्ण जयन्ती आवासीय योजना में पड़े हैं गड्ढें
विकसित नहीं हो रहीं हैं नगर विकास न्यास की कई आवासीय योजनाएं
बीकानेर। नगर विकास न्यास की महत्वपूर्ण आवासीय योजनाएं कई वर्षों बाद भी विकसित नहीं हो सकी हैं। एनआरआई, बीछवाल और जोड़बीड़ आवासीय योजनाएं अभी भी जंगलों जैसे हालातों में हैं। नाम की इन आवासीय योजनाएं तकरीबन 12 वर्षों बाद भी इंसानों के रहने लायक नहीं बनाई जा सकी है।
गौरतलब है कि वर्ष-2008 में जब भाजपा शासन में थी उस दौरान मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के निर्देश पर जोड़बीड़ क्षेत्र में करीब दो हजार बीघा में कॉलोनी योजना बनाने की कवायद शुरू की गई थी। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की महत्वाकांक्षी इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए न्यास ने दिन-रात एक करके लोगों को इस कॉलोनी में जमीन खरीदने के लिए सब्जबाग दिखाते हुए उनसे आवेदन भरवाए और करीब साढ़े चार हजार लोगों से भूखण्डों की राशि तकरीबन 5 करोड़ 93 लाख रुपए जमा करवाई। इसके बाद कॉलोनी में रोड लाइट और सड़कों का निर्माण करवाया। इतना ही नहीं इस कॉलोनी की जमीन पर कुछ क्वाटर्स का निर्माण भी करवाया। जो आज खंडहर हो चुके हैं।
इस आवासीय योजना के कई आवंटियों को भूखण्डों के पट्टे जारी नहीं किए गए। जिसकी वजह से जमीन का पूरा पैसा जमा करवाने वाले आवेदकों को कॉलोनी में अपने भूखण्ड की भी जानकारी नहीं है। प्रदेश में सरकार बदली वैसे ही इस कॉलोनी के हालात और न्यास अधिकारियों का रुख भी बदल गया। वर्तमान यह कॉलोनी पूरी तरह से सूनसान पड़ी है जिस पर हवा के झोंकों के साथ मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की महत्वाकांक्षाएं आवंटियों की उम्मीदें भी उड़ती नजर आ रही हैं।
शहर से करीब सात किलोमीटर स्थित इस योजना में उस दौरान लॉटरी और निलामी के जरिए 2732 भूखण्डों को लोगों को बेच दिया गया था। इसके बाद वर्ष, 2017 में भी न्यास की ओर से इस आवासीय योजना के तहत कुछ भूखण्डों की नीलामी की गई थी। फिलहाल जोड़बीड़ आवासीय योजना में मूलभूत सुविधाएं (बिजली, पानी, सीवरेज, रोडलाइट, सड़कें) भी वहां के भूखण्डधारकों को उपलब्ध नहीं है। प्रमुख सड़के उस दौरान बना दी गई थीं जो अब खस्ता हाल में हैं। कई बार न्यास अधिकारियों ने करोड़ों रुपए के बजट की घोषणा की है लेकिन लोगों का मानना है कि आने वाले पन्द्रह वर्षों में भी यह आवासीय योजना आबाद नहीं हो सकेगी। यही कारण है कि न्यास की इस योजना की बजाय लोग आवासन मण्डल की कॉलोनियों में आशियाना लेने की उम्मीद लिए हुए हैं।
एनआरआई व बीछवाल आवासीय कॉलोनी का भी यही है हाल
नगर विकास न्यास की ओर से कई वर्षों पहले श्रीगंगानगर रोड पर एनआरआई कॉलोनी और बीछवाल क्षेत्र स्थित केन्द्रीय जेल के पास बीछवाल आवासीय योजना भी शुरू की गई थी। इन दोनों आवासीय योजनाओं का भी हाल जोड़बीड़ आवासीय योजना की तरह से ही नजर आ रहा है। इन कॉलोनियों में न तो किसी ने मकान बनाएं हैं और न ही इनमें कोई मूलभूत सुविधाएं न्यास की ओर से उपलब्ध कराई गई हैं।
स्वर्ण जयंति आवासीय योजना का भी यही है हाल
नापासर रोड से तकरीबन पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित नगर विकास न्यास की स्वर्ण जयंति आवासीय योजना का भी यही हाल है। इस आवासीय योजना में भी लोगों ने न्यास के प्रलोभन में आकर भूखण्ड खरीद लिए लेकिन आज तक इस योजना क्षेत्र में डामर की सड़कें भी नहीं बन सकी हैं। न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका ने इस क्षेत्र में फ्लैट योजना शुरू की। जिसके तहत 1065 फ्लैट का निर्माण अभी हो रहा है।
इस फ्लैट स्कीम और शहर से नजदीक होने की वजह से इस आवासीय योजना के प्रति लोगों का रूझान आज भी है लेकिन इस क्षेत्र में स्थित दर्जनों भूखण्ड तो आज भी खड्डों में ही हैं। इस आवासीय योजना के तहत पत्रकारों को भी भूखण्ड जारी किए गए हैं लेकिन यहां कई मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने और कई ब्लॉक गड्ढ़ों में होने की वजह से ये योजना भी कई वर्षों बाद तक आबाद नहीं हो सकी है। इस आवासीय योजना के भूखण्डधारकों ने कई बार प्रशासन से इस क्षेत्र में विकास कार्य करवाने का आग्रह भी किया लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात जैसा ही निकला है।
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