भारत-तिब्बत सहयोग मंच ने सैनिकों को दी श्रद्धांजलि

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Indo-Tibet Cooperation Forum pays tribute to soldiers

राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन, शहीद सैनिकों के परिवार के लिए की प्रार्थना

बीकानेर। भारत-तिब्बत सहयोग मंच की आज बैठक आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता जिला अध्यक्ष देवेन्द्रसिंह भाटी ने की। बैठक में मंच की ओर से गलवान घाटी में हुतात्मा सैनिकों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। मंच की ओर से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर चीन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया गया।

भाटी ने कहा कि चीन ने अपनी विस्तारवादी नीति के कारण अपने सभी पड़ौसियों की भूमि को हड़पने का प्रयास किया है। इसी नीति के चलते अपने शान्तिप्रिय पड़ौसी देश तिब्बत पर कब्जा कर लिया है जबकि मूलरूप से तिब्बत भारत का अंग रहा है और तिब्बत के शासकों द्वारा भारत में विलय होने का प्रस्ताव भी तत्कालिन भारत सरकार को दिया गया था। मगर यह सम्भव नही हो सका है। अब चीन की सेना ने भारतीय सैनिकों पर धोखे से हमला करने का जो कृत्य किया है उसकी कीमत चीन को चुकानी होगी।

इस अवसर पर थानमल वाल्मिकी ने कहा कि भारत का कोई भी नागरिक थैला लेकर चीन सामान खरीदने नहीं जाता है। कुछ व्यापारी अपने निजी लाभ के लिए बड़े बड़े शॉरूम खोल कर बैठे हैं। मंच को ऐसे शॉरूम के आगे जाकर लगातार उनका विरोध करना चाहिये। जिससे ना केवल जनता में जागरूकता आयेगी बल्कि चीनी सामान विक्रय करने वालों को भी हतोत्साहित किया जा सकेगा।

भारत-तिब्बत सहयोग मंच के योगेश स्वामी ने कहा कि चीन को सही रास्ते पर रखने के हवन में भारत के हर नागरिक को आहुति देनी होगी। सभी को चीन के सामान, सॉफ्टवेयर, एप आदि का बहिष्कार करना होगा। मंच के विधि प्रकोष्ठ अधिकारी महेन्द्र पडि़हार ने कहा कि केन्द्र सरकार ने मंत्रालयों को निर्देश दिया है कि चीन निर्मित सामान पर निर्भरता कम की जाकर स्वदेशी उपकरणों व सामग्रियों का उपयोग किया जाए, जिससे स्पष्ट हो गया है कि भारत सरकार इस प्रकरण में कितनी गम्भीरता से कार्यवाही करने का मन बना चुकी है। बैठक में सुधीर शर्मा, राजेश दनेवा, गोवर्धन आचार्य, हिमांशु कौड़ा आदि मौजूदे रहे।

Kamal kant sharma and Bhawani joshi newsfastweb.com

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