चप्पल में ब्लूटूथ डिवाइस लगाकर रीट परीक्षा में नकल की भिड़ाई जुगत
गिरोह के पांच लोग चढ़े पुलिस के हत्थे, सरगना है अभी फरार
चप्पल की कीमत 6 लाख रुपए, प्रदेश भर में बेची गई 25 चप्पलें
बीकानेर। रीट परीक्षा में नकल को रोकने के लिए पुलिस विभाग एसओजी सहित प्रशासनिक और जांच एजेंसियां लगातार एक के बाद एक कार्यवाही करती नजर आ रही है। लेकिन किसी भी सूरत में परीक्षा को पास करने के लिए नकल करने की जुगत लगाने वाले भी कम नहीं है। जोधपुर में डमी अभ्यार्थी गिरोह के बाद अब बीकानेर में चप्पल के जरिए नकल करवाने की कोशिश करने वाले गिरोह को जिला स्पेशल टीम व गंगाशहर थाना पुलिस ने धरदबोचा है।
जी हां, ठीक पढ़ा आपने चप्पल गिरोह जो चप्पल की मदद से रीट परीक्षा में नकल करवाने की जुगत लगा रहा था। बीकानेर पुलिस के हत्थे 5 लोग चढ़े हैं जो चप्पल के सहारे नकल करवाने की जुगत में थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्रसिंह इन्दोलिया ने न्यूजफास्ट वेब को बताया कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए 5 लोगों की पहचान जेगलिया राजलदेसर निवासी मदन लाल और गोपाल कृष्ण, शोभाणा भादला नोखा निवासी त्रिलोक चंद्र, रामपुरा राजलदेसर निवासी ओमप्रकाश व लोहा रतनगढ़ निवासी किरण देवी के रूप में हुई है। त्रिलोक पंचारिया पांचू स्थित सरकारी स्कूल में प्रयोगशाला सहायक के पद पर नियुक्त है। वहीं इस नकल गिरोह का सरगना तुलसीराम कालेर नाम के शख्स बताया जा रहा है। तुलसीराम नाम का यह शख्स बीकानेर में कोचिंग सेन्टर संचालित करता है। यह शख्स नकल करवाने के जुर्म पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है। स्थानीय इनपुट के आधार पर यह कार्रवाई जिला स्पेशल टीम और गंगाशहर थाना पुलिस ने गंगाशहर स्थित नए बस स्टेण्ड के पास में की है।
ऐसे करती है यह चप्पल नकल करवाने का काम
दरअसल, रीट परीक्षा में सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार सिर्फ चप्पल पहन कर आए अभ्यर्थी को प्रवेश दिया जाता है। ऐसे में नकल करवाने के लिए इस गिरोह ने अनोखी चप्पल का आविष्कार किया। इस चप्पल में एक ब्लूटूथ डिवाइस लगा है। जो प्रवेश के दौरान परीक्षा केंद्र पर शिक्षकों की नजर से परीक्षा केन्द्र तक ले जाने में अभ्यर्थी कामयाब हो सकता है। परीक्षा कक्ष में जाने के बाद अभ्यर्थी इस छोटी सी ब्लूटूथ डिवाइस यानि बग को अपने कान में लगा लेता है। यह ब्लूटूथ डिवाइस सेंटर के बाहर बैठे एक व्यक्ति के मोबाइल से कनेक्टेड होता है जो उसे नकल करवाने में मदद करता है।
चप्पल की कीमत 6 लाख रुपए
नकल करवाने के लिए बनाई गई इस अनोखी चप्पल की कीमत सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। इस चप्पल की कीमत 6 लाख रुपए रखी गई है। आखिर हो भी क्यों ना नकल करने वाले का भविष्य बनाने में यह चप्पल सबसे बड़ा योगदान जो साबित होने वाली थी।
प्रदेश भर में बेची गई 25 चप्पलें
बताया जा रहा है कि प्रदेश भर में लगभग 25 लोगों को या चप्पल बेची गई है। ऐसे में पुलिस के लिए यह चुनौती है कि आखिर कौन से कौन से जिले में यह चप्पल पहुंच चुकी है और कौन अभ्यर्थी है चप्पल के सहारे अपने भविष्य की योजना बना रहा है।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com