कैसे बुझेगी आग? उपखण्ड क्षेत्रों में नहीं है दमकल

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How will the fire be extinguished? There is no fire in the subdivision areas

कोलायत, बज्जू, खाजूवाला, पूगल, छतरगढ़, लूणकरनसर में नहीं है एक भी दमकल

आग लगने की घटना पर बीकानेर से मौके पर जाती है दमकलें

बीकानेर। जिले के कई उपखण्ड क्षेत्रों में एक भी दमकल नहीं है। इन उपखण्ड क्षेत्रों में आग लगने पर बीकानेर से दमकलें मौके पर भेजी जाती है। ऐसी स्थिति में आग ज्यादा विकराल हो जाती है और नुकसान भी ज्यादा होता है। हैरानी की बात है कि आज तक उपखण्ड क्षेत्रों में दमकल उपलब्ध करवाने के लिए न तो क्षेत्रवासियों ने मांग उठाई और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने।


गौरतलब है कि संभाग मुख्यालय होने के बाद भी जिले के उपखण्ड क्षेत्रों में एक भी दमकल नहीं है। कोलायत, बज्जू, खाजूवाला, पूगल, छतरगढ़ और लूणकरनसर जैसे जिला मुख्यालय से दूर स्थित उपखण्ड क्षेत्रों में दमकल का नहीं होना जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा और शासन में रहने वाली सरकार की बेपरवाही को दर्शाता है। पिछले दिनों कोलायत स्थित एक बाड़े में आग लग गई थी और बाड़े में मौजूद आठ पशु उसमें जलकर खाक हो गए थे। अगर कोलायत उपखण्ड में उस दौरान दमकल होती तो शायद ये हादसा इतना नुकसान नहीं करता, लेकिन प्रशासनिक और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की वजह से उपखण्ड क्षेत्रों में आपदा के दौरान विशेष काम करने वाली दमकल की व्यवस्था नहीं है।

इसी प्रकार अभी तीन-चार महीने पहले बज्जू के वन क्षेत्र में आग लग गई, जिस पर काबू पाने के लिए बीकानेर से दमकलों को भेजा गया। बज्जू जैसे दूरस्थ स्थान पर दमकलों को पहुंचने में ही दो से तीन घंटे का समय लगा, ऐसे में आग कई किलोमीटर के क्षेत्र में फैल गई और आग पर काबू पाने में दमकलकर्मियों को दो दिनों से ज्यादा का समय लगा। कोलायत में आगजनी हादसे के बाद वहां के प्रधान ने दमकल मुहैया करवाने की मांग कलेक्टर के सामने उठाई थी।


आधे दर्जन से ज्यादा स्थानीय नेता वर्तमान सरकार में हैं मंत्री और समकक्ष पदों पर स्थापित
वर्तमान में प्रदेश की सरकार में तीन कैबिनेट मंत्री हैं। इनके साथ चार जनप्रतिनिधि राज्य मंत्री के समकक्ष या किसी बोर्ड के अध्यक्ष हैं। ऐसे में बीकानेर जिले के उपखण्ड क्षेत्रों में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और जरूरत की सुविधा नहीं होना, जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ सरकार की उपेक्षा को इंगित करता है। सरकार का अंग बने ये जनप्रतिनिधि चाहें तो जिले में विकास की गंगा बहा सकते हैं लेकिन इच्छाशक्ति नहीं होने और जिले की जनता का शांतप्रिय औ संतुष्ठ प्रवृति का स्वभाव जिले को विकास के नजरिए से पीछे ले जा रहा है।

शहर में भी सिर्फ 9 दमकलें, जिसमें से भी एक खराब


जानकारी के मुताबिक शहर में अभी सिर्फ नौ दमकलें हैं, जिसमें से एक खराब हुई अग्निशन केन्द्र में खड़ी है। बीछवाल फायर स्टेशन में कुल पांच दमकलें हैं। वहीं मुरलीधर व्यास कॉलोनी अग्निशमन केन्द्र में चार दमकलें हैं। इनमें से एक दमकल खराब हुई पड़ी है। इनके अलावा एक देशनोक, एक दमकल नोखा व श्रीडूंगरगढ़ में है। वहीं नाल स्थित एअरफोर्स और पलाना स्थित नेवेली प्लान्ट के पास दमकलें हैं, जो किसी आपदा के दौरान जिला प्रशासन का सहयोग करती हैं।

#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newfastweb.com

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