पार्क बनाने वालों के खिलाफ क्या कलेक्टर करेंगे कार्रवाई?
आमजन के पैसों की बर्बादी का कौन है जिम्मेदार?
बीकानेर। यूआईटी किस कदर आमजन के पैसे को बर्बाद करने में लगा है, ये आज सामने आया। आज जब कलेक्टर संभागीय आयुक्त कार्यालय के पीछे की ओर से सर्किट हाउस की तरफ निकलने वाले नाले के हालात का निरीक्षण किया तो यूआईटी की करतूत जनता के सामने आ गई।
गौरतलब है कि मानसून के चलते शहर में नाला सफाई कार्य जोरों पर हैं। इसी क्रम में आज कलेक्टर ने सदर थाने के पीछे से पब्लिक पार्क के पूर्वी दरवाजे तक निकल रहे नाले के हालात जाने। इस नाले पर यूआईटी की ओर से लाखों रुपए खर्च कर एक पार्क विकसित किया गया है लेकिन हैरानी की बात यह है कि यह पार्क आज तक किसी के भी काम नहीं आया है। इससे भी ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि इस पार्क में न तो घास है और न ही हरियाली। महाराणा प्रताप के नाम से स्थित इस पार्क के मुख्य दरवाजेे पर बड़ा सा ताला भी लगा है। पार्क के बीच में ही नाला सफाई के लिए दो बड़ी-बड़ी जालियां भी लगाई गई हैं। इतना ही नहीं इस पार्क के हालात डम्पिंग यार्ड की तरह से हैं।
क्षेत्र के लोगों में चर्चा की जा रही थी कि जनता के पैसे से किसी सार्वजनिक भूखण्ड पर चारदीवारी बनाने को पार्क नहीं कहा जा सकता है। उसमें जनता के भ्रमण के लिए भी व्यवस्था की जानी चाहिए। पार्क को पार्क तरह ही बनाया जाना चाहिए।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कुछ दिनों पहले कलेक्टर नमित मेहता ने आदेश जारी किए थे जिसमें उन्होंने नाले पर और नाले के आस-पास हुए हुए कब्जों का तख्मीना तैयार करने, चिन्हित करने, नोटिस देने और अतिक्रमण हटाने को कहा था। इस कार्य के लिए नगर निगम, यूआईटी और आरयूआईडीपी के अधिकारियों की एक टीम भी गठित की थी। इस टीम ने कलेक्टर की ओर से आदेशित सभी कार्य किए लेकिन वो सभी कार्य आमजन से संबंधित थे। यूआईटी की ओर से विकसित किए गए इस पार्क यथा रखा गया।
शहर के जागरूक लोगों में प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए चर्चाएं की जा रही है कि क्या प्रशासन अब यूआईटी की ओर से विकसित किए गए सिर्फ नाम के इस पार्क को भी हटाएगा या रसूखदारों को लाभ पहुंचाने के लिए इसे यथास्थिति में ही रखेगा।
#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com