शहरी सरकारी सिस्टम से परेशान होटल व्यवसायी, मीडिया के सामने जताई पीड़ा

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The body of an employee found hanging on the noose in PWD office premises

क्वारेंटाइन लोगों के लिए शाही खाने के थे आदेश, भुगतान में टालमटोल

बीकानेर। कोरोना महामारी के दौरान शहरी सरकारी सिस्टम से अभी तक सबसे ज्यादा परेशान होटल व्यवसायी हुए हैं। शहरी सरकारी सिस्टम से परेशान हुए होटल व्यवसायी आज मीडिया से रूबरू हुए और अपनी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की।

होटल उद्योग उत्थान संस्थान के सचिव डॉ. प्रकाशचन्द्र ओझा ने बताया कि कोविड- 19 महामारी से हर व्यवसाय प्रभावित हुआ है और उनकी पीड़ा को समझते हुए राज्य सरकार ने कई प्रकार की छूट व परिलाभ दिए हैं, लेकिन होटल व्यवसाय को उद्योग का दर्जा मिलने के बाद भी अन्य उद्योगों की तरह होटल व्यवसासियों को कोई राहत नहीं दी गई है। जिससे होटल व्यवसाय को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। सरकार को होटल व्यवसायियों की जायज मांगों की ओर ध्यान देना चाहिए जिससे बर्बादी की कगार पर पहुंच चुके होटल व्यवसाय को संजीवनी मिल सके।

होटल व्यवसायियों के अनुसार कोरोना बीमारी के दौरान विभिन्न होटलों में क्वारेंटाइन किए गए लोगों को भोजन देने के लिए नगर विकास न्यास की ओर से मेन्यू तय किया गया जो कि शाही भोजन व नाश्ते का था। होटल संचालकों ने सरकार की मंशा के अनुसार क्वारेंटाइन लोगों को नगर विकास न्यास के आदेशानुसार भोजन कराया गया। इसके बावजूद अब होटल संचालकों को भुगतान करने में सरकारी सिस्टम की ओर से आनाकानी की जा रही है। मीडिया से वार्ता के दौरान संस्थान के संरक्षक डीपी पच्चीसिया, कोषाध्यक्ष गोपाल अग्रवाल, संयुक्त सचिव अजय मिश्रा, मोन्टू सोढ़ा, आदिल सोढ़ा सहित कई होटल व्यवसायी मौजूद रहे।

Kamal kant sharma and Bhawani joshi newsfastweb.com

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