काम था तो प्लेसमेंट एजेंसी से निविदा पर लिए नर्सिंगकर्मी, अब निकाल दिया
कोविडकाल में जान हथेली पर रख कर काम कर रहे थे निविदा पर लगे नर्सेज
बीकानेर। पीबीएम अस्पताल में अब हाई कोर्ट के आदेश भी नहीं माने जा रहे हैं। पीबीएम में निविदा पर भी उन कर्मचारियों को रखा जा रहा है जिनकी राजनीतिक पहुंच हो। सियासी गलियारों से आए निर्देशों की पालना ही इस अस्पताल में की जा रही है।
दरअसल, तकरीबन एक-डेढ़ वर्ष पहले प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए निविदा पर रखे गए 11 नर्सिंगकर्मियों को 31 मई को सिर्फ इसलिए कार्यमुक्त करने का आदेश दनदना दिया गया कि प्लेसमेंट एजेंसी का कॉन्ट्रेक्ट अब पूरा हो गया है और ये कॉन्ट्रेक्ट अब दूसरी प्लेसमेंट एजेंसी के पास चला गया है। 31 मई को कार्यमुक्त होने के मौखिक आदेश मिलने पर इन 11 नर्सिंगकर्मियों रविन्द्र, रामस्वरूप विश्नोई, ज्योति, मैना, मूलचन्द, विकास पुरोहित, श्रीचंद, पंकज, राहुल गहलोत व धीरज शर्मा ने आज हाई कोर्ट में फरियाद की तो वहां से यथा स्थिति रखने के आदेश मिल गए। इन आदेश को लेकर जब ये नर्सिंगकर्मी पीबीएम अधीक्षक के पास पहुंचे, फिर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य के यहां, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। फिलहाल ये नर्सिंगकर्मी निविदा पर लगी अपनी नौकरी को बचाने के लिए कलेक्टर ऑफिस जाने की तैयारी कर रहे हैं।
कल किया था कार्यमुक्त, आज करवाई ड्यूटी, रजिस्टर में हस्ताक्षर भी
प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए निविदा पर लगे इन नर्सिंगकर्मियों ने बताया कि 31 मई को इन्हें कार्यमुक्त करने के मौखिक आदेश दे दिए गए थे। रोजाना की तरह आज सुबह जब ये नौकरी पर पहुंचे तो इन्होंने उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करके ड्यूटी भी की। ऐसे में पीबीएम प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगता है कि जब इन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया तो आज की ड्यूटी किस आधार पर करवाई गई?
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI WWW.NEWSFASTWEB.COM