अखबारों में छपवाने होंगे विधायकों के नोटिस
प्रदेश में सियासी संग्राम, जैसलमेर में हैं गहलोत गुट विधायक
बीकानेर। प्रदेश में चल रहे सियासी संग्राम के बीच बहुजन समाज पार्टी के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट ने विधायकों को नोटिस तालीम किया है। विधायकों को 8 अगस्त तक नोटिस तामील होंगे। बीजेपी विधायक मदन दिलावर की याचिका को हाई कोर्ट की डिविजन बैंच ने निस्तारित कर दिया है।
न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के अनुसार हाई कोर्ट ने इन छह विधायकों को जिला जज जैसलमेर के जरिए नोटिस पहुंचाने और नोटिस को अख़बार में छपवाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही हाई कोर्ट की सिंगल बैंच को इस मामले में अपना फैसला 11 अगस्त को देने के निर्देश दिए हैं। ये मामला अभी सिंगल बैंच के जज महेंद्र गोयल के पास सुनवाई में है और इसकी अगली तारीख़ 11 अगस्त है। यानि अब इन छह विधायकों के विलय का मामला 11 अगस्त को तय होगा। 11 अगस्त को एकलपीठ स्टे एप्पलीकेशन पर सुनवाई करेगी।
विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के वकील ने बताया कि कोर्ट ने मदन दिलावर की अपील का निस्तारण कर दिया है और कुछ निर्देश दिए हैं। मदन दिलावर ने बहुजन समाज पार्टी के 6 विधायकों के कांग्रेस में मर्जर के खिलाफ याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट में आज मामले पर विधानसभा अध्यक्ष की ओर से बहस शुरू की गई। स्पीकर की ओर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि बसपा और बीजेपी विधायक मदन दिलावर की अपील मेंटनेबल नहीं है। इस बिस्तर पर अपील को सुना नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह मामला कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। कपिल सिब्बल ने इस दौरान कई केसों का हवाला दिया।
हाई कोर्ट में बीजेपी विधायक मदन दिलावर की ओर से हरीश साल्वे और बसपा की ओर से सतीश मिश्रा पक्ष पैरवी कर रहे हैं। बसपा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश मिश्रा ने कहा कि 14 अगस्त को विधानसभा सत्र है। 6 विधायक बाड़े बंदी में बंद है। एकलपीठ ने स्टे एप्लीकेशन को भी तय नहीं है। इस पर कोर्ट ने एकलपीठ को एप्लीकेशन को तय करने के निर्देश दिए। वहीं बीजेपी विधायक के अधिवक्ता साल्वे ने कोर्ट में कहा कि विधायकों को नोटिस तालीम नहीं होना अलग बात है और अंतरिम आदेश देना अलग बात है। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम एकलपीठ को अंतरिम आदेश पारित करने का आदेश दे देते हैं।
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