ऑनलाइन होंगी स्वास्थ्य सेवाएं, मरीजों को कतारों में नहीं होना पड़ेगा खड़ा

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Health services will be online, patients will not have to stand in queues

विकसित देशों की तर्ज पर लागू होगा इंटिग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम

बीकानेर। अमूमन देखने में आता है कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के चैंबर के बाहर मरीजों की कतार लगी रहती है। केवल डॉक्टरों के चैंबर के बाहर ही नहीं बल्कि विभिन्न तरह की जाचें कराने और उनकी रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए भी मरीजों या उनके परिजनों को घंटों तक कतार में खड़ा रहना पड़ता है। घंटों लाइनों में खड़ा रहने से मरीज और उनके परिजनों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए प्रदेश में चिकित्सा विभाग अब ऐसा मैकेनिजम स्थापित करने में जुटा है जिससे स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा सिस्टम बदल जाएगा। सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को ऑनलाइन करने का प्रयास कर रही है। इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई है।


विभागीय सूत्रों के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को ऑनलाइन करने जा रहा है। विकसित देशों की तरह प्रदेश में भी इन्टीग्रेटेड हैल्थ मैनेजमेंट सिस्टम 2.0 लागू किया जाएगा। नए सिस्टम को लागू करने से पहले चिकित्सा शिक्षा विभाग ने हर स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। इस संबंध में सचिवालय में अहम बैठक भी हो चुकी है। जिसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह और प्रमुख सचिव आरती डोगरा सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।


इंटिग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम के तहत सिंगल विंडो सिस्टम को डेवलप किया जाएगा। इस सिस्टम के तहत ना तो डॉक्टरों के चैंबर और दवाइयों के काउंटर के बाहर लाइन लगानी पड़ेगी और ना ही जांच रिपोर्ट के लिए भीड़ में धक्के खाने पड़ेंगे। नए सिस्टम में इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड, डिजी हेल्थ लॉकर, यूनीफाइड डिजिटल सर्वे, केपीआई आधारित डैशबोर्ड, स्वास्थ्य संबंधी लाइसेंस और एनओसी आदि के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाएगा। टेली आईसीयू, जीओ टेगिंग आधारित अस्पताल का मैप जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी। अधिकतर स्वास्थ्य सेवाएं ऑनलाइन हो जाएंगी।


चिकित्सा विभाग के आला अधिकारियों का कहना है कि विभाग एक नया सिस्टम डेवलप करने जा रहा है ताकि प्रदेश के हर व्यक्ति को बिना किसी परेशानी के बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं मिले। यह ऑनलाइन सिस्टम अत्याधुनिक होगा। इससे प्रदेश के मेडिकल सिस्टम में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। इस ऑनलाइन सिस्टम के जरिए मरीज का डॉक्टर से मिलना, उनसे परामर्श लेना आसान हो जाएगा। साथ ही पैरा मेडिकल स्टाफ के सामने आने वाली चुनौतियां भी कम होंगी।

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