तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने प्राचार्य को लिखा पत्र, प्रदेश के दस स्ववित्त पोषित कॉलेजों को राजकीय क्षेत्र में लेने की कवायद।
बीकानेर। अब बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज को सरकार चलाएगी। इसके लिए सरकार की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है। तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने प्रदेश के स्ववित्त पोषित दस इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्राचार्य को पत्र लिख कर शैक्षणिक पदों के वेतन व सरकार पर पडऩे वाले वित्तीय भार की जानकारी मांगी है।
जानकारी के मुताबिक पत्र में लिखा है कि बजट घोषणा के आधार पर राज्य में स्व वित्त पोषित इंजीनियरिंग कॉलेजों को राजकीय क्षेत्र में लिया जाना है। पत्र में एसआईसीटीई नाम्र्स के अनुरूप शैक्षणिक पदों का पे-स्केल सहित सरकार पर पडऩे वाले वित्तीय भार की जानकारी भेजी जाए।
यह जानकारी देने के लिए संयुक्त सचिव ने इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्राचार्यों को एक दिन का समय दिया है। बताया जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेजों से यह सूचनाएं भेज दी गई हैं।
इन कॉलेजों को लेने की तैयारी
बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज के साथ-साथ भीलवाड़ा के माणिक्यलाल वर्मा टैक्सटाइल एंड इंजीनियरिंग कॉलेज, अजमेर इंजीनियरिंग कॉलेज, महिला इंजीनियरिंग कॉलेज अजमेर, बांरा, झालावाड़, भरतपुर, बाड़मेर, धौलपुर, करौली व बांसवाड़ा इंजीनियरिंग कॉलेजों को सरकारी क्षेत्र में लेने की तैयारी की जा रही है। इन कॉलेजों के प्राचार्य को पत्र लिखा गया है।
ज्यादा मिलेगी मदद
इन दस कॉलेजों को सरकारी क्षेत्र में लिया जाता है तो, कॉलेजों को ज्यादा वित्तीय सहायता मिलेगी। कर्मचारियों को सारी सरकारी सुविधाओं का फायदा मिलेगा। अभी इन कॉलेजों के अधिकारी-कर्मचारी लम्बे समय से प्रमोशन व वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग कर रहे हैं। विद्यार्थियों को भी फीस में राहत तथा अन्य लाभ मिलेंगे।
कुछ कॉलेजों को ही अनुदान
सरकार कुछ इंजीनियरिंग कॉलेजों को ही विशेष अनुदान दे रही है। राज्य सरकार ने अभी चार करोड़ रुपए के बजट की घोषणा की थी। इसमें से एक करोड़ रुपए पहली किश्त के रूप में दिए जा चुके हैं। सरकारी क्षेत्र में आने पर अनुदान भी बढ़ जाएगा।