अब काली साइकिलें मंगवाने की कवायद, प्रदेश में बंटेगीं दस हजार साइकिलें, तीन करोड़ रुपए की आएगी लागत
बीकानेर। प्रदेश और देश की सत्ता पर काबिज होते ही भाजपा सरकार पर सरकारी योजनाओं को भगवा रंग में रंगने की धुन सवार हो गई थी।
यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार ने सचिवालय से लेकर कुर्सी पर लगने वाले टॉवल का रंग भगवा कर दिया था तो प्रदेश में भाजपा सरकार ने स्कूलों में बालिकाओं को दी जाने वाली साइकिलों को भगवा रंग में रंग दिया।
तब सरकारी साइकिलों को भगवा रंग रंगने पर विपक्ष की ओर से एतराज भी किया गया था। लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ा, अब विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने साइकिलों का रंग भगवा से काला करवा दिया है।
इसलिए हुआ भगवा से काला
राजनीतिक गलियारों में पैठ रखने वाले लोगों के अनुसार राज्य सरकार चुनावी मौसम में किसी भी विवाद से बचना चाहती है। इसलिए सरकारी साइकिलों का रंग भगवा से काला करवा दिया गया है।
शायद सरकार चुनावी वक्त में कट्टर हिन्दूवादी छवि को ज्यादा तूल नहीं देना चाह रही है। विभाग इन साइकिलों की जल्द से जल्द खरीद कर चुनाव से पहले वितरण करने की योजना पर काम कर रहा है। ताकि सरकार साइकिल पाने वाले लाभार्थियों तक पहुंचकर वोट मांग सके।
मौजूदा सरकार के कार्यकाल में संभवत: ये पहली बार होगा, जब सरकार भगवा की बजाय काले रंग की साइकिलें वितरित करेगी।
जानकारी के मुताबिक पिछले सप्ताह सतर्कता एवं प्रशासन की अतिरिक्त निदेशक सुचिता बिश्रोई की अध्यक्षता में बैठक की गई थी। बैठक में साइकिल के बंटवारे, प्रति साइकिल की लागत और खासतौर पर साइकिल के रंग को लेकर चर्चा की गई थी। जिसमें यह निर्णय लिया गया कि अब जो टेंडर खुलेगा वो सिर्फ काले रंग की साइकिलें ही उपलब्ध कराएगा।
आएंगी दस हजार साइकिलें
जानकारी के अनुसार सामाजिक एवं आधिकारिता विभाग बालिकाओं को वितरित करने के लिए दस हजार साइकिलें मंगवा रहा है। इस पर प्रति साइकिल करीब पैतींस सौ रुपए लागत आने का अनुमान है।
दस हजार साइकिल की खरीद पर विभाग 3.50 करोड़ रुपए खर्च करेगा। विभाग की ओर से साइकिल खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी गई बताई जा रही है।
विभाग की ओर से इस बारे में जारी की गई निविदा में साफ तौर पर लिखा गया है कि जो भी फर्म या कंपनी टेंडर लेगी उसे काले रंग की दस हजार साइकिलें वितरित करनी होंगी।