गुडगर्वनेंस को लगा झटका, अफसरों की कमी

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अफसरों

एक-एक आईएएस अधिकारी के पास तीन-तीन विभागों का अतिरिक्त प्रभार।

बीकानेर। प्रदेश में हाल में बनी सरकार उच्च स्तर के अफसरों की कमी से जूझती नजर आ रही है। जिससे सरकार की गुडगर्वनेंस को तगड़ा झटका लगता दिखाई दे रहा है।

स्थिति ऐसी है कि उच्च स्तर पर अफसरों की कमी के कारण एक-एक अफसर के पास तीन-तीन विभागों का अतिरिक्त प्रभार देकर किसी तरह से विभागों का रूटीन कामकाज चलाया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक सरकार के वरिष्ठ आईएएस अफसरों का कहना है कि ऐसी स्थिति में सरकार की योजनाओं के समय पर पूरे होने पर ही संशय होने लगा है, क्योंकि अतिरिक्त प्रभार वाले विभाग में अधिकारी ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं भले ही उन विभागों में कोई भी महत्वपूर्ण योजना चल रही हो।

सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उच्च स्तर पर अफसरों की कमी के कारण योजनाओं को समय पर पूरा करने की गति कम होगी और उनका समय पर पूरा होना संभव नहीं है। जनता से सीधे जुड़े विभागों में फुल टाइम अधिकारी का होना जरूरी है। अफसर लगातार सेवानिवृत हो रहे हैं, उनकी जगह निचले स्तर पर पदोन्नतियां कम हो रही हैं।

ऐसे हैं हालात

डॉ. सुबोध अग्रवाल –       एमडी नॉन फार्मिंग सेक्टर, हैंडलूम कॉर्पोरेशन, एमडी                                  राजसीको, आयुक्त डीएमआईसी।
सुदर्शन सेठी –              खनिज और पेट्रोलियम विभाग के साथ प्रदूषण                                       नियंत्रण मण्डल के अध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार।
श्रेया गुहा –                  अध्यक्ष आरटीडीसी, आयुक्त पर्यटन विभाग।
डॉ. केके पाठक –           अध्यक्ष मेटल एण्ड इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड।
पवन कुमार गोयल –       नगरीय विकास विभाग, जयपुर मेट्रो।
टी. रविकांत –              आवासीय आयुक्त दिल्ली।
प्रदीप कुमार बोरड –        आयुक्त स्कूल शिक्षा परिषद।
डॉ. वीना प्रधान –           एमडी डेयरी कॉर्पोरेशन।
मधुकर गुप्ता –            एमडी वेयर हाउस कॉर्पोरेशन।
नवीन महाजन –           सिंचित क्षेत्र विभाग।
राजेश्वर सिंह –            आयुक्त पंचायती राज विभाग।

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