बिना अनुमति के घरों में चल रहे गर्ल्स हॉस्टल

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गर्ल्स हॉस्टल

बिजली-पानी कनेक्शन हैं घरेलू, उपयोग किया जा रहा व्यवसायिक

बीकानेर। शहर के कई मोहल्लों और कॉलोनियों में बिना अनुमति के घरों में गर्ल्स हॉस्टल संचालित किए जा रहे हैं। घरों में संचालित होने वाले इन गर्ल्स हॉस्टल में न तो बालिकाओं की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध हैं और न ही उनका वेरीफिकेशन। इतना ही नहीं घरों में चलाए जा रहे इन छात्रावासों में बिजली और पानी के कनेक्शन तो घरेलु लिए गए हैं लेकिन संचालक इनका उपयोग व्यवसायिक कर रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि जिम्मेदार लोगों को इस ओर ध्यान देने की जरा भी फुर्सत नहीं है।

जागरूक लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक गिन्नाणी, रथखाना कॉलोनी, जेएनवी कॉलोनी, करणी नगर क्षेत्र में गर्ल्स हॉस्टल घरों में चलाए जा रहे हैं। घरों में इस प्रकार से गल्र्स हॉस्टल संचालित करने वाले संचालकों ने जिला प्रशासन के सभी नियम-कायदों को ताक पर रख दिया है। न तो बाहर से यहां आकर रहने वालों का पुलिस वेरीफिकेशन करवाया गया है और न हीं उनकी सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। ऐसे में अगर कोई हादसा हो जाए तो उसकी जिम्मेदारी लेने वाला भी कोई नजर नहीं आएगा।

आवासीय सुविधाओं का व्यवसायिक उपयोग

जागरूक लोगों ने बताया कि ज्यादातर गर्ल्स निजी हॉस्टल में लिए गए बिजली-पानी के कनेक्शन घरेलु हैं। छात्रावास संचालक उनका व्यवसायिक उपभोग कर चांदी काट रहे हैं और सरकार के राजस्व को चूना लगा रहे हैं। इन निजी हॉस्टल के बारे में प्रशासनिक अधिकारियों को भी जानकारी है लेकिन आज तक इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

कोचिंग सेन्टरों का भी है हाथ

शहर में कुकुरमुतों की तरह उगे कोचिंग सेन्टरों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए आए विद्यार्थी भी निजी हॉस्टल में रह रहे हैं। अमरसिंहपुरा, जेएनवी कॉलोनी, खतुरिया कॉलोनी तो ऐसे क्षेत्र हैं जहां दजनों कोचिंग सेन्टर संचालित किए जा रहे हैं। इन कोचिंग सेन्टरों में पढऩे वाले सैकड़ों छात्र-छात्राएं निजी हॉस्टलों या किराए के मकानों में रह रहे हैं। लेकिन न तो कोचिंग सेन्टर संचालकों की ओर से इनका पुलिस वेरीफिकेशन करवाया गया है और न ही प्रशासन के पास इनकी कोई जानकारी है।

जिम्मेदारों ने नहीं किया कभी निरीक्षण

आवासीय भवनों में संचालित किए जा रहे इन छात्रावासों का कभी किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने निरीक्षण करने की जहमत तक नहीं उठाई है। इन छात्रावासों में क्या चल रहा है ? कौन लोग रह रहे हैं? संचालक सरकार को राजस्व दे रहे हैं या नहीं? इस प्रकार के सवालों का जवाब लेने के लिए कोई भी जिम्मेदार आज तक वहां नहीं पहुंचा है।

Kamal kant sharma newsfastweb.com

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