गो ग्राम सेवा संघ राजस्थान के राज्यव्यापी आह्वान पर मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन
बीकानेर। गो ग्राम सेवा संघ राजस्थान के राज्यव्यापी आह्वान पर आज प्रदेश भर में गो भक्तों ने गहलोत सरकार की ओर से लाए गए स्टांप संशोधन विधेयक का विरोध किया गया और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे गए।
संघ के जिलाध्यक्ष महेन्द्रसिंह लखासर ने बताया कि गो सेवा के नाम पर लिया जाने वाला जनता का पैसा गो शालाओं के संवर्धन और विकास के लिए ही लगाया जाए। इस पैसे को अन्य मद में बिल्कुल भी खर्च नहीं किया जाए। गहलोत सरकार गाय विरोधी है, इसलिए सरकार ने इस संवर्धन निधि में एक नया विषय जोड़कर इसे आम आपदा प्रबंधन में भी उपयोग करने के लिए विधेयक में संशोधन किया है।
संगठन के बीकानेर गोशाला संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश कुमार जोशी ने बताया कि इस विधेयक का विपक्ष ने पूर्ण रुप से विरोध किया परंतु बिना बहस के हठधर्मी सरकार ने गाय विरोधी गतिविधि करते हुए इस संवर्धन निधि के पैसे को अन्य आपदा प्रबंधन में भी उपयोग करने का प्रस्ताव जबरदस्ती पास कर दिया। इससे साफ जाहिर होता है कि वर्तमान सरकार की गाय के पक्ष में कोई विशेष रूचि नहीं है, यह सरकार गोशालाओं के अनुदान को भी खत्म करने का प्रयास कर रही है।
इस अवसर पर संघ के महासचिव निरंजन सोनी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सूरजमालसिंह नीमराना बलदेवदास भादाणी सहित कई गोभक्तों ने अपने विचार रखते हुए सरकार को चेताया कि अगर यह विधेयक वापस नहीं लिया गया तो प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा।
प्रदर्शन में पार्षद अनूप गहलोत, प्रेमसिंह राठौड़, रघुनाथसिंह शेखावत, विजय कोचर, मालचन्द जोशी, धीमाराम मुकाम, संघ के मोहनदास देशनोक, श्रवणसिंह राठौड़, चतुरदान चारण, मनोहरलाल, मदनलाल, हनुमानसिंह, धन्नेसिह तंवर, रामदयाल व्यास, सीताराम, भैराराम, अरविंद उभा, विष्णुसिंह राजपुरोहित, शीशपाल गोस्वामी, चांदवीर सिंह, प्रकाश वैद, बैरीशालसिंह, विशालसिंह सहित कई गोभक्त शामिल रहे।
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