चुनाव में महामारी से बचाव के पुख्ता प्रबंध नहीं होने से कर्मचारियों में रोष

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Fury among employees due to lack of proper management of epidemic in elections

चुनाव आयोग को कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनीष विधानी ने लिखा पत्र

बीकानेर। जिला परिषद और पंचायतीराज चुनाव में महामारी से बचाव के पुख्ता प्रबंध नहीं होने से कर्मचारियों में रोष उभर रहा है। इस बारे में अखिल राजस्थान संयुक्त मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनीष विधानी ने चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा है।

प्रदेश अध्यक्ष मनीष विधानी के अनुसार पंचायतीराज चुनाव 2020 के प्रथम चरण में 23 नवंबर को प्रदेश के कई जिलों में भयवाह तस्वीर देखने को मिली। कई जिलों में तो सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखी। सरकारी कर्मचारी ऐसे भयावह माहौल में अपने दायित्व एवं अपने प्रभारों की पूर्ति में अपनी जान से खेलने को मजबूर दिखे। पत्र के जरिए चुनाव आयोग को अवगत कराया गया कि यह किसी कर्मचारी संवर्ग की बात नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश के समस्त वर्गों की सुरक्षा का एक सवाल है।

आज जिला प्रशासन द्वारा कोविड-19 गाइडलाइन की पालना खुद नहीं की जा रही है, बल्कि कर्मचारी लोग चुनाव संपन्न कराकर रात्रि में बिना किसी सोशल डिस्टेंस एवं चिकित्सा सुविधा, सुरक्षा के अभाव में वोटिंग मशीनों चुनाव के महत्वपूर्ण दस्तावेज सौंपने के लिए अपने प्राणों की फिक्र किए बिना अपने दायित्वों को पूर्ण करने के लिए मजबूर नजर आए। हालांकि कि यह सब हमारी ड्यूटी तो है, चुनाव कार्य टीम भावना से संपन्न होता है, परंतु यदि हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी कोई नहीं लेंगे तो कर्मचारियों का इस महामारी में राज्य कार्य में मनोबल कमजोर होना स्वभाविक है।

संघ आयोग से निवेदन करता है कि इन पंचायत चुनाव में कई जगह 55 वर्ष अधिक कर्मचारियों को भी चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया, जबकि इस वर्ग के कर्मचारियों की इम्यूनिटी पावर बहुत ही कमजोर होती है। 55 वर्ष से अधिक कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाए। संघ के प्रदेश प्रवक्ता सागर पांचाल ने कर्मचारियों की हुई वर्चुअल मीटिंग में कहा कि सरकार कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करे।

#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com

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