वर्ष, 2018 से वर्ष, 2019 के बीच प्रदेश में 49.11 प्रतिशत की वृद्धि
सामूहिक दुष्कर्म के आंकड़े बहुत ज्यादा
बीकानेर। प्रदेश में महिला अपराध कितना विकराल रूप लेता जा रहा है। महीनेभर के भीतर ही यहां दुष्कर्म के दो भयावह मामले सामने आए हैं। महिला अपराध के आंकड़ों पर नजर डालने के लिए तारीखों के ज्यादा पन्ने नहीं पलटने पड़ेंगे।
दरअसल, यह स्थिति सिर्फ आज या अभी की नहीं है बल्कि लंबे अरसे से बनी हुई है। महिला अपराध और दुष्कर्म के मामले में राजस्थान भले ही दूसरे नंबर पर है लेकिन यहां सामूहिक दुष्कर्म का आंकड़ा बेहद ज्यादा है।
जानकारी के अनुसार महिला अपराध की बात जब-जब उठेगी, तब-तब 29 साल पहले हुई घटना से ही बात शुरू होगी। तब से लेकर अब तक कुछ भी नहीं बदला। यहां थाने में महिला के साथ दुष्कर्म हो रहा है। महिला अत्याचार रोकने के लिए जिस एसीपी को जिम्मेदारी दी गई, वही दुष्कर्म पीडि़ता पर दबाव बनाते हुए थाने में ही उसका शोषण करते रहे। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो 2019 के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि वर्ष 2018 से 2019 के बीच राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में 49.11 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई। अपराधों के बढ़ते आंकड़ों में वर्ष 2018 से जो सिलसिला शुरू हुआ वह वर्ष 2020 व 2021 में भी जारी रहा। राजस्थान पुलिस द्वारा पेश किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2020 में 32 हजार से ज्यादा महिला अपराध दर्ज किए गए। इसमें 6000 से अधिक मामले एससी-एसटी वर्ग से जुड़े हुए थे।
नाबालिग सबसे ज्यादा हैं असुरक्षित
उत्तर प्रदेश और राजस्थान ऐसा प्रदेश है जहां पर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले सबसे ज्यादा दर्ज किए गए हैं। राजस्थान में साल 2019 में 5997 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए है। जिसमें 1313 नाबालिग हैं। वहीं, राजस्थान पुलिस के अनुसार अगस्त 2020 तक ही 3498 मामले दर्ज हो चुके थे।
महिला अपराध के बढ़ते आंकड़ों को लेकर विपक्ष ने आरोप लगाए हंै कि वर्ष 2018 में अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल के बाद से ही कानून व्यवस्था लचर हो गई। मुख्यमंत्री से कानून व्यवस्था नहीं संभाली जा रही है।
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा था कि प्रदेश के सभी थानों में एफआइआर आवश्यक रूप से दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे मुकदमों की संख्या बढ़ी है। पहले लोगों को थानों से लौटा दिया जाता था। अब सबके मामले दर्ज हो रहे हैं।
रोजाना 16 महिलाएं शिकार
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार देश में रोजाना 88 महिलाओं के साथ अपराध होता है। वहीं राजस्थान का औसत 16 है। जो कि सबसे ज्यादा है।
#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com