पहले प्रकृति का सहा कहर, अब सिस्टम की झेल रहे मार
दो वर्षों से नहीं मिला फसल बीमा का क्लेम, सरकार की मंशा पर सवाल
बीकानेर। किसानों के नाम राजनीति कर वोट बंटोरने की जुगत में लगी सरकार को भूमिपुत्र चुनाव से पहले आइना दिखा रहे हैं। पिछले दो वर्षों से किसानों को फसल बीमा का क्लेम नहीं मिला है। हालात ये हो गए हैं कि लोगों का पेट भरने वाले किसानों को अपना व अपने परिवार का पेट भरने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।
भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष कैलाश जाजड़ा और शंभुसिंह राठौड़ ने बताया कि पिछले दो वर्षों से किसानों को फसल बीमा का क्लेम नहीं दिया गया है। इस बारे में एक हजार से ज्यादा किसानों ने कलेक्टर को लिखित में शिकायत दर्ज कराई है। इतना ही सरकार के सम्पर्क पोर्टल पर भी किसानों ने फसल बीमा क्लेम का भुगतान करवाने के लिए सरकार से फरियाद की है। वहीं जिले भर के किसानों ने प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डॉ. बीडी कल्ला को भी ज्ञापन देकर अपनी समस्या से अवगत करवाते हुए फसल बीमा क्लेम का भुगतान करवाने की मांग की थी। हैरानी की बात है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी किसानों को राहत देने के बड़े-बड़े दावे करते हैं, खेत में जाकर किसानों के साथ फोटो खिंचवाते हैं लेकिन यहां किसानों को फसल बीमा का क्लेम दिलवाने में उनकी पार्टी की ही सरकार इतनी लापरवाही कर रही है।
संघ के जिला मंत्री शिवदत्त बिगड़ ने बताया कि आज प्रशासन को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले दो वर्षों से बकाया चल रहा प्रधानमंत्री फसल बीमा का क्लेम किसानों के खातों में जमा करवाया जाए। वहीं यूनिवर्सल सोम्पो बीमा कंपनी की तीन वर्षों की ऑडिट किसानों के प्रतिनिधिमंडल को साथ में रख की जाए, जिससे कंपनी का काला चिट्ठा सामने आ सके। वहीं पिछले दो वर्षों के क्राप कटिंग के आंकड़े सार्वजनिक किए जाए, जिससे किसान अपनी गारंटी उपज का और अपने क्लेम का जान सके।
इस वर्ष पर्याप्त बिजली आपूर्ति नहीं मिली जिसकी वजह से नहरी पानी किसानों को पर्याप्त नहीं मिला, समय पर बारिश भी नहीं हुई जिसकी वजह से किसानों की खरीफ फसल ग्वार, मोठ, बाजरी, मूंग, मुंगफली, तिल, नरमा आदि फसलों में 70 प्रतिशत से ज्यादा फसलें खराब हो चुकी हैं, जिसका समय पर क्राप कटिंग व गिरदावरी करवाकर फसल बीमा का क्लेम व आदान-अनुदान का लाभ किसानों को दिलवाया जाए।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com