भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत नौरंगदेसर में ठेकेदार और पुलिस जबरन घुसी खेतों में
बीकानेर। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली सड़क की जमीन के मुआवजे पर सहमति बनाए बगैर आज पुलिस ने ठेकेदार की मदद करते हुए नौरंगदेसर क्षेत्र में किसानों की जमीन पर काम शुरू करवा दिया। इस दौरान मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के अनुसार पिछले चार-पांच महीने से भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अधिग्रहित की जाने वाली कृषि भूमि के मुआवजे को लेकर किसान आंदोलित हैं। यहां कलेक्टर कार्यालय पर किसानों ने वर्तमान में बाजार में चल रहे कृषि भूमि के दामों से मुआवजे की मांग को लेकर लंबे समय तक धरना-प्रदर्शन भी किया था। किसानों की मांग है कि मुआवजा उचित दर से दिया जाए।
उधर, जिला प्रशासन कृषि भूमि के मुआवजे को लेकर अपनी तरफ से पहल कर चुका है। जिला प्रशासन भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की जाने वाली जमीन का मुआवजा डीएलसी दर के अनुसार 48 हजार रुपए प्रति बीघा की दर से देने पर सहमत हुआ है। साथ ही इस जमीन पर वृक्षों जिनमें खेजड़ी, शीशम और अन्य किस्म के पेड़ लगे हुए हैं, उन्हें हटाने के लिए 15 रुपए प्रति पेड़ की दर तय की है लेकिन किसानों को दोनों ही दरें मंजूर नहीं है। उनका कहना है कि जमीन और पेड़ की कीमतें बाजार भाव से तय हो और उसी के अनुरूप भुगतान किया जाए। किसान और जिला प्रशासन के बीच लंबे समय से इन दरों को लेकर खींचतान चली आ रही है।
इस बीच भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत इस कार्य की ठेकेदार फर्म ने जबरन काम शुरू कर दिया और उनकी सहायता के लिए भारी संख्या में पुलिस तैनात हो गई। नौरंगदेसर क्षेत्र के रोही में आज सुबह ही पुलिस का दस्ता मौके पर पहुंच गया, उनके साथ भारतमाला प्रोजेक्ट निर्माण कार्य की ठेकेदार फर्म के कर्मचारी थे। उन्होंने वहां जाते ही जमीन का समतलीकरण करना शुरू कर दिया, साथ ही खेजड़ी के पेड़ भी काटने शुरू कर दिए। जब यह कार्रवाई चल रही थी तब किसानों को सूचित भी नहीं किया गया। जैसे ही किसानों को इस बारे में सूचना मिली तो भारी संख्या में किसान भी मौके पर पहुंच गए और इस कार्रवाई का जमकर विरोध किया।
कृषि भूमि मालिकों का कहना है कि अभी तक किसानों और प्रशासन के बीच मुआवजे की दरें तय नहीं हुई है। ऐसे में पुलिस की यह कार्रवाई तानाशाही दर्शा रही है। लोकतंत्र में अपनी मांगे रखना सभी का हक है। जब तक कोई भी पीडि़त अपनी जायज मांग पर सहमत नहीं हो तब तक उनके साथ जबरदस्ती नहीं की जा सकती। पुलिस ने किसानों की जमीन पर जबरन काम शुरू कर लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया है। पुलिस की इन कार्रवाई का विरोध किया जाएगा।
Kamal kant sharma and Bhawani joshi