पौने दो महीने बाद भी भाजपा बिना प्रदेशाध्यक्ष

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प्रदेश के भाजपा कार्यालय में पसरा सन्नाटा

बीकानेर। करीब पौने दो महीनों से भाजपा बिना प्रदेशाध्यक्ष के है। नए प्रदेशाध्यक्ष को लेकर प्रदेश भाजपा कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है। नए प्रदेशाध्यक्ष को लेकर चर्चा छेडऩे पर पार्टी के पदाधिकारी एक-दूसरे का मुंह ताकते नजर आते हैं। newsfastweb.com

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गौरतलब है कि पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी का इसी वर्ष 24 जून को देहान्त हो गया था। उनके निधन के बाद से ही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का पद रिक्त पड़ा है। नए प्रदेशाध्यक्ष को लेकर पार्टी नेताओं में कहीं काई चर्चा नहीं है। राजनीतिक गलियारों से जुड़े लोगों के मुताबिक भाजपामें यह पहला मौका है जब नए प्रदेशाध्यक्ष को लेकर न तो कोई दावेदारी नजर आ रही है और न ही इस पद को लेकर कहीं कोई प्रयास दिख रहे हैं। सैनी के निधन के करीब पौने दो महीने बाद भी भाजपा प्रदेश नेतृत्व का चेहरा नहीं तलाश पाई है।

दो लोकसभा क्षेत्र तथा एक विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में हार के बाद 16 अप्रेल, 2018 को अशोक परनामी ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था, तब भी तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुन्धराराजे, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत व अर्जुनराम मेघवाल के बीच चली खींचतान के चलते प्रदेशाध्यक्ष तय करने में 74 दिन लग गए थे।

अब सामने है पंचायत चुनाव

विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपाराजस्थान में लोकसभा चुनाव में प्रदेश की वर्ष-2014 की ऐतिहासिक जीत को दोहराने में कामयाब रही। हालांकि लोकसभा चुनाव में जीत का श्रेय मोदी के करिश्माई नेतृत्व को दिया गया, लेकिन इस जीत के संदर्भ में विधानसभा चुनाव में हार के लिए वसुन्धरा राजे के चेहरे को जिम्मेदार मान लिया। अब सामने पंचायत चुनाव है तो प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस के मुकाबले के लिए प्रदेशाध्यक्ष के रूप में सशक्त नेतृत्व की जरूरत है।

Kamal kant shrma newsfastweb.com

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