इको फ्रेंडली पटाखों में बेरियम नाइट्रेट की मात्रा होती है कम
बाजारों में कम आवाज वाले इको फ्रेंडली पटाखे लुभा रहे लोगों को
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com
बीकानेर। देश भर में दीपावली के त्योहार पर बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है और जमकर खरीदारी भी हो रही है। दीपावली पर पटाखों की कई सारी नई वैरायटी भी इस बार बाजार में आ गई है। ऐसे में इस बार दीपावली पर प्रदेश के बाजारों में कम आवाज वाले और इको फ्रेंडली पटाखों की धूम देखने को मिल रही है। इको फ्रेंडली पटाखे की खास बात यह है कि इन पटाखों की पैकिंग में संबंधित कंपनी द्वारा कोड भी दिया गया है, ताकि ग्राहक खुद भी इस बात की पुष्टि कर सके की पटाखा इको फ्रेंडली है या नहीं है।
दरअसल, ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे इस बार कम मात्रा में ही बाजार में आए हैं। वहीं इको फ्रेंडली पटाखों की खासियत यह है कि इसमें बेरियम नाइट्रेट की मात्रा कम होने के कारण 80 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक प्रदूषण कम होगा। हालांकि, पिछले साल की तुलना में इस बार पटाखे बहुत ज्यादा महंगे बिक रहे हैं। प्रदेश में इसी महीने विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में पटाखों में भी चुनावी रंग देखने को मिल रहा है। इस बार बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाले ‘मोदी एटम बम’ की धूम ज्यादा है। वहीं 4-जी और 5-जी चकरी, फ्लैश लाइट कैमरा बम, डांसिंग तारातूली, गरबा तारातुली, फुलझडिय़ां, पॉप अप बम ग्रहकों द्वारा खूब पसंद किए जा रहे हैं।
दुकानदारों का कहना है
वहीं दुकानदारों ने बताया कि बिग शॉट, ब्रेकआउट स्पिनर, कलर चेंजिंग अनार, 3 स्टार, सुतली बम, रॉकेट आदि भी पसंद किए जा रहे हैं। एक दुकानदार ने बताया कि इको फ्रेंडली पटाखों को जलाने से प्रदूषण बहुत कम होता है। अभी कई तरह के और भी नए पटाखे बाजार में आ रहे हैं। बाजार में पटाखे की दुकानों पर इको फ्रेंडली थू्र बम पॉप अप, कलरफुल पेंसिल, फैंसी पटाखे अब ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं। बच्चों के लिए ट्राई कलर जिराफ आदि रोशनी विज्ञान वाले पटाखे भी उपलब्ध है।