हर्ष व व्यास जाति के लोगों का डोलची मार खेल।
बीकानेर। पुष्करणा समाज की हर्ष व व्यास जाति के लोगों तथा उनके सगे संबंधियों के बीच आज परंपरागत पानी का डोलची मार खेल खेला गया।
होली के अवसर पर आयोजित होने वाले इस खेल में हर आयु वर्ग के सजातीय बंधुओं ने बढ़ चढ़कर उत्साह से हिस्सा लिया।
शहर के अंदरूनी भाग स्थित हर्षों के चौक में आज पुष्करणा समाज के हर्ष व व्यास जाति के लोग चमड़े से बनी डोलची में पानी भर के एक-दूसरे की पीठ पर वार कर रहे थे और उत्साह से ये मारा.. वो लगा.. का उद्बोधन भी कर रहे थे। इस अनूठे आयोजन को देखने के लिए घरों की छतों पर बड़ी संख्या में भीड़ जुटी रही।
लगभग दो घंटे तक चले इस पारंपरिक खेल में व्यास जाति के लोग गेर के रूप में हर्षों की ढाल पर पहुंचे और उन्होंने हर्ष जाति के लोगों को डोलची खेल के लिए आमंत्रित किया। खेल समाप्ति पर हर्ष जाति के लोगों ने गुलाल उछाली और इस खेल के समाप्ति की घोषणा की।
शहर में हर्षों व व्यासों के चौक की डोलची मार होली प्रेम व सोहार्द की अद्भुत मिसाल है। जो सदियों पहले दोनों जातियों के बीच हुए खुनी संघर्ष के बाद आपसी पंचायत व राज घराने की मध्यस्थता से हुए समझौते के बाद से हर वर्ष होली के मौके पर खेला जाता है। बीकानेर के पुष्करणा समाज में हर्ष व व्यास जाति के लोग डोलची मार होली के माध्यम से बरसों पुरानी परम्परा आज भी निभाते आ रहे हैं।