भारत-जापान सैन्य संयुक्त अभ्यास ‘धर्मा गार्डियन’ का एक सप्ताह पूरा
निरीक्षण करने पहुंचे जापान के कमांडिंग ऑफिसर और भारत की चेतक कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग
बीकानेर। भारत और जापान के बीच सैन्य संयुक्त अभ्यास ‘धर्मा गार्डियन’ के पांचवें संस्करण के पहले सप्ताह का आज समापन हुआ। इस पहले सप्ताह में दोनों देशों के सैनिकों की ओर से किए गए अभ्यास का आज ‘ड्रिल’ किया गया। जिसका निरीक्षण करने के लिए यहां जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स की पूर्वी सेना के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल तोगाशी यूएची और भारत की चेतक कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल नगेंद्र सिंह महाजन फील्ड फायरिंग रेंज पहुंचे।
इस पहले सप्ताह में भारत और जापान के सैनिकों ने आपसी सामान्य स्थापित किया और पहले 7 दिन तक आतंकवादियों को उन्हें ट्रेस कर उन्हें खत्म करने का अभ्यास किया। जिसमें तकनीक के साथ श्वान और बाज का भी सहयोग लिया गया। श्वान महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में 25 फरवरी से शुरू हुआ यह सैन्य संयुक्त अभ्यास 9 मार्च तक चलेगा। इस सैन्य संयुक्त अभ्यास में जापान की 34वीं इन्फेंट्री रेजीमेंट तथा भारत की राजपूताना राइफल्स की 19वीं बटालियन भाग ले रही है।
इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र प्राधिकार के तहत अद्र्धशहरी वातावरण में संयुक्त संचालन को अंजाम देने के लिए सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना और संयुक्त क्षमताओं को बढ़ाना है। यह अभ्यास उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजनाओं और विशेष हथियार कौशल की मूल बातों पर केंद्रित है। इस अभ्यास के दौरान अस्थायी ऑपरेटिंग बेस की स्थापना, खुफिया जानकारी की तैयारी, निगरानी और पूर्व-परीक्षण की तैयारी, मोबाइल वाहन चेक पोस्ट स्थापित करना, एक शत्रुतापूर्ण गांव में कॉर्डन और खोज संचालन निष्पादित करना, हेलीबोर्न संचालन और हाउस इंटरवेंशन ड्रिल शामिल रहे।
आतंकवादियों पर रेड के दौरान ये किया श्वानों और बाज ने
श्वान ‘एलन’ और ‘ओला’ तथा बाज ‘अर्जुन’ ने आतंकवादियों को तलाश करने में सैनिकों के संयुक्त दस्ते की ऑपरेशन के दौरान मदद की। वहीं बाज ’अर्जुन’ ने आसमान में उड़ान भरकर आतंकवादियों की सही लोकेशन की जानकारी सैनिकों के संयुक्त दस्ते को दी। दरअसल, अद्र्धशहरी वातावरण में छिपे आतंकवादियों को तलाश कर उनका खात्मा करने के ऑपरेशन में बाज ‘अर्जुन’ के सिर पर कैमरा लगा दिया गया। अर्जुन ने आसमान में उड़ान भरी, जिससे उसके सिर पर लगे कैमरे में आतंकवादियों की सही लोकेशन की जानकारी सैनिकों के पास आ गई। जिस पर सैनिकों के संयुक्त दस्ते में शामिल श्वान ‘एलन’ की मदद से एक आतंकवादी को मौके पर ही पकड़ लिया गया। वहीं दूसरे श्वान ‘ओला’ ने आतंकवादियों के संदिग्ध अड्डों पर जाकर आतंकवादियों के होने व नहीं होने की जानकारी सैनिकों को दी।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com