सुलह के लिए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के पास पहुंचे निगम आयुक्त !

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Corporation commissioner reached BJP state president for reconciliation!

महापौर की अनदेखी करने और मनमर्जी से कार्य करने के निगम आयुक्त बिरदा पर लगे हैं आरोप

आयुक्त गोपालराम बिरदा पर एक कैबिनेट मंत्री की बताई जा रही सरपरस्ती

बीकानेर। महापौर और नगर निगम आयुक्त के बीच का विवाद राजधानी पहुंचने के बाद अब निगम आयुक्त सुलह का रास्ता चुनतेे बताए जाने लगे हैं। बीकानेर नगर निगम आयुक्त गोपालराम बिरदा आज भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया से मिले। राजनीतिक गलियारों में उनका भाजपा प्रदेशाध्यक्ष से मिलना सुलह करने के रूप में देखा जाने लगा है।

Corporation commissioner reached BJP state president for reconciliation!

राजनीतिक पंडितों के अनुसार सोमवार और मंगलवार को महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित और नगर निगम आयुक्त गोपालराम बिरदा राजधानी में सचिवालय, मंत्रियों और विपक्षी पार्टी के आला पदाधिकारियों से मिले हैं। लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गईं महापौर और प्रशासनिक परीक्षा में उत्तीर्ण होकर बने निगम आयुक्त ने मंत्रियों, मुख्य सचिव, अन्य प्रमुख शासन सचिव, डीएलबी अधिकारियों और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के समक्ष अपना-अपना पक्ष रखा। निगम आयुक्त के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष से हुई मीटिंग ने सबको हैरानी में डाल दिया।


इस मीटिंग के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। राजनीतिक सूत्रों से न्यूजफास्ट वेब को पता लगा है कि दो दिनों पहले तक महापौर को कोसने वाले, कैबिनेट मंत्री की शह में महापौर के आदेशों को निरस्त कर नियमविरुद्ध साधारण सभा की बैठक बुलाने वाले निगम आयुक्त आज भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के आगे महापौर से समझौते की गुहार लगाते नजर आए। साथ ही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया के सामने मंत्री और सरकार के दबाव में किए कार्यों के लिए क्षमायाचना भी की। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि तकरीबन सवा साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो सकता है, ऐसे में निगम आयुक्त सुलह का रास्ता अपनाने की कोशिशों में जुटे हुए नजर आने लगे हैं।

गौरतलब है कि महापौर, भाजपा पार्षदों तथा नेता प्रतिपक्ष सहित विपक्ष के बड़ी संख्या में पार्षद इस बात को लेकर अडिग हैं कि 27 मई को हुई असंवैधानिक बैठक निरस्त हो और आयुक्त द्वारा दी गई धमकियों और अभियान के आंकड़ों में की गई गड़बड़ी पर तत्काल कार्यवाही हो।
गौरतलब यह भी है कि निगम आयुक्त द्वारा की गई ये सभी कार्रवाइयां एक कैबिनेट मंत्री और उनके भतीजे के कहने के आरोप लगाए गए हैं। वहीं राजधानी में निगम आयुक्त की ओर से निगम कार्यों में महापौर के ससुर और पति पर हस्तक्षेप करने की बात उच्च प्रशासनिक अधिकारियों और मंत्रियों को कही गई है।

#KAMAL KANT SHARMA /BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com

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