संक्रमण के चलते महामारी गंभीर लेकिन शहरवासी नहीं
और भी भुगतना पड़ सकता है खमियाजा
बीकानेर। कोरोना महामारी को लेकर शहर में अब भय का माहौल हो गया है। कोरोा महामारी के फैलते संक्रमण की वजह से शहर में हालात गंभीर होने लगे हैं लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि अभी तक शहर के लोग इस महामारी के संक्रमण को लेकर गंभीर नहीं हुए हैं। यही हालात रहे तो इसका और भी खमियाजा सबको भुगतना पड़ सकता है।
न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के अनुसार एक जुलाई से लेकर अभी तक जिले में 156 कोरोना संक्रमित रिपोर्ट हो चुके हैं। वहीं चार जनों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। चंद दिनों में ही लगातार कोरोना संक्रमण के इतने रोगी सामने आने से शहर के बाशिन्दों मेें भय का माहौल व्याप्त हो गया है लेकिन अभी तक लोग इस महामारी के संक्रमण की गंभीरता को नहीं समझ सके हैं। आज भी बाजारों, मोहल्लों व गलियों में शाम होते ही लोगों का जमघट लगना शुरू हो जाता है। बहुत से लोग मुंह पर मास्क लगाना भी उचित नहीं समझते हैं। कुछ अक्खड़ लोगों को तो यह तक कहते हुए सुना गया है कि ‘म्हारे किसी कोरोना होवे है’, ‘कोरोना अठे कांई लेसी’। इस प्रकार की बातें अन्य लोगों को भी बेपरवाह बना रही हैं।
वहीं बाजारों में सोशल डिस्टेसिंग की अवहेलना की जा रही है। लोग सरकारी गाइडलाइन को हवा में उड़ा रहे हैं। इन सभी वजहों से कोरोना बीकानेर जिले में विकराल रूप धारण करता जा रहा है। हालांकि शहर के कुछ जागरूक लोग अन्य शहरवासियों को इस महामारी की गंभीरता समझा कर उन्हें सरकारी गाइडलाइन की पालना करने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं। कुछ लोगों ने तो अपनी गली में सेल्फ लॉकडाउन कर लिया है। कुछ लोग प्रशासन से भी शहर में लॉकडाउन दोबारा लगाने की मांग कर रहे हैं।
न्यूजफास्ट सभी शहरवासियों से अपील करता है कि वे सरकारी गाइडलाइन का पालन करें, जब तक अतिआवश्यक न हो तब तक अपने घरों से बाहर नहीं निकले। घर से बाहर निकलते वक्त अपने मुंह पर मास्क लगाएं। बार-बार साबुन से हाथ धोएं या सेनेटाइज करें। बाजारों, मोहल्लों व गलियों में जमघट नहीं लगाएं। अन्य लोगों को भी कोरोना महामारी के संक्रमण की गंभीरता समझाएं। क्योंकि सरकारी सिस्टम भी अब थकने लगा है।
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