देश में कम और जिले में बढ़ रहे कोरोना संक्रमित
सर्दी के मौसम में हालात हो सकते हैं और भी बुरे
बीकानेर। जिले में कोरोना संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है। कोरोना संक्रमितों के मामले पिछले कुछ दिनों में देश में कम हुए हैं लेकिन जिले में काफी बढ़ रहे हैं। इन सबकेे बीच सरकार कोरोना संक्रमितों के आंकड़े छिपाने में लगी है।
गौरतलब है कि बीकानेर जिले में पिछले साढ़े तीन महीनों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते नजर आए हैं। इस कोरोनाकाल में सरकार और प्रशासन की ओर से गाइडलाइन तो जारी की जाती रही लेकिन इस गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए सख्त कार्रवाई प्रशासन की ओर से नहीं की गई। शहरी इलाके में व्यापारियों, रसूखदारों और राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों की मांग पर बाजार, होटल आदि व्यवसाय खोलने की घोषणाएं की गई। जानकारों का मानना है कि यही मुख्य वजह रही है कि जिले में आज कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 12 हजार से ऊपर पहुंच गया है। रोजाना दो-ढाई सौ से ज्यादा कोरोना संक्रमण के नए मामले जिले के लगभग हर क्षेत्र से सामने आ रहे हैं।
पिछले छह-सात महीनों से लगातार कोरोना रोगियों के मामले सामने आने के बाद प्रशासन भी पस्त नजर आने लगा है। स्वास्थ्य महकमा अपना काम तो कर रहा है लेकिन जो कोरोनाकाल के शुरू में मुस्तैदी थी, वो महकमे के अधिकारी व कर्मचारियों में अब नहीं देखी जा रही है। लगभग यही हाल अब चिकित्सकों और नर्सिंगकर्मियों में देखने को मिल रहा है। कोरोनकाल के शुरुआती दिनों में सुपरस्पेशलिटी कोविड अस्पताल और कोविड सेन्टरों में व्यवस्थाएं पूरी तरह से चाक-चौबंद थीं लेकिन अब हर जगह लापरवाही और खानापूर्ति देखी जा सकती है। कोरोनासे संक्रमित हुए 161 रोगी काल का ग्रास बन चुके हैं।
इसी प्रकार जिले की जनता भी जो कोरोनाकाल के शुरुआती दिनों में इस महामारी से बचने के लिए पूरी तरह से सजग और सतर्क थी, वह अब इस महामारी के प्रति बिल्कुल बेपरवाह हो गई है। लोग बाजारों में या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं कर रहे हैं। बहुतों के चेहरे पर मास्क नजर ही नहीं आता है, कुछ लोगों के चेहरे पर मास्क तो होता है लेकिन वह नाक और मुंह को नहीं ढक रहा होता है। दुकानों पर लोगों की भीड़ जमा हुई रहती है। अगर यही हाल रहा तो बीकानेर कोरोना संक्रमण के मामलों में कई रिकॉर्ड कायम कर सकता है।
आंकडों की आड़ में सरकार छिपा रही नाकामियां
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को सरकार छिपाने में जुटी हुई है। 19 सितम्बर से सरकार ने कोरोनासंक्रमितों के आंकड़े छिपाने शुरू कर दिए थे, जो आज तक जारी हैं। जिले में कोरोनासंक्रमितों के नए मामलों की जानकारी सीएमएचओ की ओर से जारी की जाती है, जिसमें कोरोना संक्रमण के नए आए मामलों की संख्या होती है, जबकि हकीकत में कोरोनासंक्रमण के नए मामलों की संख्या काफी ज्यादा होती है। जानकार लोगों का कहना है कि इस प्रकार कोरोना संक्रमितों के आंकड़े छिपाकर सरकार अपनी नाकामियां छिपाने में लगी है।
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