गहलोत और पायलट खेमें हुए सक्रिय
बीकानेर। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में अभी कुछ वक्त बाकी है लेकिन कांग्रेस में ऑपरेशन सीएम शुरू हो गया है। मतदान के बाद आए एक्जिट पोल और सर्वे में कांग्रेस के सरकार में आने की संभावना जताई जा रही है।
यही वजह है कि 11 दिसंबर को आने वाले चुनाव परिणाम से पहले ही कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर लॉबिग तेज हो गई है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के खेमें सक्रिय हो गए हैं।
गहलोत और पायलट के निकटस्थ संभावित विधायकों से संपर्क साध रहे हैं। मतदान सम्पन्न होने से पहले ही अशोक गहलोत दिल्ली पहुंच गए थे। मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद देर रात को सचिन पायलट दिल्ली पहुंचे गए।
सर्वे में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने की संभावना जताए जाने से कांग्रेस नेता उत्साहित हैं। सचिन पायलट कैंप और अशोक गहलोत खेमा अपने-अपने नेता को सीएम बनाने की रणनीति में जुट गए हैं। विधायक दल की बैठक में कौन सा विधायक किसका समर्थन करेगा इसे लेकर दोनों खेमें सक्रिय हो गए हैं। कुछ संभावित विधायकों से दोनों नेताओं ने खुद टेलीफोन पर संपर्क किया है।
दोनों खेमों के लोग जीतने योग्य निर्दलियों के भी संपर्क में
कांग्रेस में सीएम पद को लेकर अंदर खाने रस्साकशी चल रही है, वहीं दूसरी तरफ जयपुर शहर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप सिह खाचरियावास का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह कह रहे हैं कि गहलोत कौन होते हैं मुख्यमंत्री बनाने वाले।
खाचरियावास कह रहे हंै कि हमारे नेता राहुल गांधी हैं और वह जो कहेंगे, वह फैसला हमें मंजूर होगा। अशोक गहलोत कौन होते हैं, यह कहने वाले की पांच में से ही मुख्यमंत्री बनेगा। खाचरियावास ने एक टीवी चैनल से बातचीत में भी यही बात कही है।
खाचरियावास का बयान आने के बाद गहलोत खेमा सक्रिय हो गया है। खाचरियावास पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट के काफी निकट माने जाते है। खाचरियावास ने पिछले पांच साल में पायलट के साथ मिलकर वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ कई आंदोलन किए हैं।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में दिनभर अलग-अलग चर्चाओं का दौरा चल रहा है। हालांकि, ज्यादातर कांग्रेसी यह कहते नजर आए कि पायलट ने पार्टी की कमान उस समय संभाली थी, जब आजादी के बाद सबसे कम 21 सीटें कांग्रेस को मिली थीं। अब सरकार बनने की तैयारी है। ये लोग कहते हैं कि सरकार की कमान भी पायलट के हाथ में ही होनी चाहिए।