कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार के दौरान दिया था महिलाओं को कैबिनेट में लाने पर जोर। पार्टी की 11 महिला प्रत्याशियों ने की है जीत दर्ज।
बीकानेर। महिलाओं को राजनीति में आगे बढ़ाने के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दावे एक बार फिर हवा-हवाई साबित हुए हैं। विधानसभा चुनाव में 40 टिकट महिलाओं को देने के दावे फेल होने के बाद अब कैबिनेट में महिलाओं को शामिल करने के दावे भी पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं। 23 सदस्य वाले मंत्रिमण्डल को देख कर तो ऐसा ही लग रहा है।
चार दिनों के महामंथन के बाद बने मंत्रिमण्डल 13 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्री बनाए गए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि 23 सदस्य वाले मंत्रिमण्डल में केवल एक महिला नेता को ही शामिल किया गया है, वो भी राज्यमंत्री के तौर पर। जबकि पार्टी के पास कई दिग्गज महिला विधायक हैं।
40 की बजाय सिर्फ 27 महिलाओं को ही दिया गया था टिकट
इस बार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने सिर्फ 27 महिलाओं को ही टिकट देकर अपना प्रत्याशी बनाया था, जिनमें से 11 महिलाएं चुनाव जीतकर विधायक बनी हैं। इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान हर जनसभा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से मंचों से महिलाओं को राजनीति में भागीदारी बढ़ाने के वादे किए थे।
महिलाओं को 40 टिकट देने के साथ कैबिनेट में ज्यादा से ज्यादा से महिलाओं को देखने की बात उन्होंने सार्वजनिक रूप से कही थी। सरकार बनने के बाद इस तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि कम से कम तीन से चार महिला नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा।
इसके लिए शकुंतला रावत, जाहिदा खान के नाम भी चर्चा में थे, लेकिन मंत्रिमण्डल गठन के बाद तस्वीर पूरी तरह से साफ हो गई कि केवल एक महिला विधायक ममता भूपेश को राज्यमंत्री के तौर पर शामिल किया गया है।
ये हैं कांग्रेस महिला विधायक
इन्द्रा मीणा, जाहिदा खान, शकुंतला रावत, ममता भूपेश, मंजू देवी, मनीषा पंवार, निर्मला सहरिया, कृष्णा पूनिया, दिव्या मदेरणा, मीना कंवर और गंगा देवी।