बड़े नेताओं ने दिए संकेत, आधा दर्जन जिलाध्यक्ष बदले जाने की कवायद।
बीकानेर। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने की चल रही तैयारियों के बीच ही अब जिलाध्यक्षों के बदलाव की चर्चाएं पार्टी के भीतर तेज हो गई हैं। बताया जा रहा है कि आधा दर्जन जिलों में कभी भी जिलाध्यक्ष के नामों की घोषणा की जा सकती है। पार्टी के आला नेताओं ने भी इसके संकेत दे दिए हैं।
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक आधा दर्जन जिलों में नए अध्यक्षों के नामों को लेकर पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, पीसीसी चीफ सचिन पायलट और पार्टी के तीन सह प्रभारियों के बीच चर्चा भी हो चुकी है। नए जिलाध्यक्षों के नामों का प्रस्ताव बना कर आलाकमान को भेजा गया है। आलाकमान की मंजूरी के बाद नए जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा की जाएगी।
दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान ही कांग्रेस में आधा दर्जन जिलों में नए जिलाध्यक्ष बनाए जाने की मांग उठने लगी थी। इसकी एक वजह ये भी थी कि पार्टी ने कई जिलाध्यक्षों को विधानसभा चुनाव लड़ाया था, कई जिलाध्यक्ष चुनाव जीत कर विधायक बन चुके हैं और तीन जिलाध्यक्ष सरकार में मंत्री हैं। जो दोहरी भूमिका में हैं।
पार्टी में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धान्त के फार्मूले के तहत भी नए जिलाध्यक्ष बनाए जाने की मांग ने जोर पकड़ लिया। पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भी आला नेताओं के सामने इस मांग को कई बार उठाया था, जिसके बाद जिलाध्यक्षों के लिए नए नामों की खोज पार्टी के भीतर तेज हो गई।
इन जिलाध्यक्षों ने लड़ा था चुनाव
पार्टी के जिन जिलाध्यक्षों को चुनाव लड़ाया गया था उनमें जयपुर से प्रतापसिंह खाचरियावास, अलवर से टीकाराम जूली, झुंझुनंू से डॉ.जितेन्द्र सिंह,जयपुर देहात से राजेन्द्र सिंह यादव थे। इनमें प्रतापसिंह खाचरियावास गहलोत सरकार में केबिनेट मंत्री, टीकाराम जूली और राजेन्द्र यादव राज्यमंत्री हैं। वहीं डॉ. जितेन्द्रसिंह खेतड़ी से विधायक हैं।