खुली हकीकत तो सामने आ गया माजरा
बीकानेर। नगर निगम में आज हुए कांग्रेस पार्षदों के हंगामे और विरोध की वजह से प्रदेश की कांग्रेस सरकार को बट्टा लगता नजर आया है। कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने अपने-अपने क्षेत्रों में किए गए सर्वे की रिपोर्ट देने और जरूरतमंद लोगों के नाम रिपोर्ट में जोडऩे की बात को लेकर नगर निगम कार्यालय में हंगामा कर दिया।
न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के कुछ पार्षद आज नगर निगम में उपायुक्त रणजीत बिजारणिया से अपने क्षेत्र में हुए सर्वे की रिपोर्ट लेने पहुंचे थे, तब उपायुक्त ने पार्षदों को आयुक्त से रिपोर्ट लेने की बात कही। इस पर कांग्रेस पार्षदों ने नाराजगी जताते हुए हंगामा किया और अपने कुछ साथी पार्षदों को भी मौके पर बुला लिया। हंगामा बढ़ता देख नगर निगम के कर्मचारी भी वहां एकत्र हो गए। पार्षदों का आरोप है कि उनके वार्डों में हुए सर्वे में कुछ जरूरतमंदों को सर्वे से वंचित रखा गया है। इसलिए वह सभी सर्वे की रिपोर्ट की मांग को लेकर अड़े रहे।
बाद में अन्य अधिकारियों के भी निगम पहुंचने पर मामले को शांत करवा गया और पार्षदों को उनके वार्ड की सर्वे रिपोर्ट सौंपी गई।
जानकार सूत्रों से पता लगा है कि एक पार्षद अपने वार्ड के सर्वे में अपने क्षेत्र के 402 लोगों के नाम जुड़वाना चाहता था लेकिन अधिकारियों ने इसके वैरिफिकेशन करवानेेकी बात पार्षद को कह दी। जिस पर पार्षद ने नाराजगी जताते हुए हंगामा खड़ा कर दिया और अन्य कांग्रेसी पार्षदों को भी निगम कार्यालय में बुला लिया।
वहीं मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि निगम कार्यालय में मचे बवाल के दौरान किसी प्रकार की हाथापाई होने जैसी बात नहीं हुई थी। केवल मात्र एक पार्षद के स्वार्थ के कारण आज अपने ही पार्षदों द्वारा प्रदेश की कांग्रेस सरकार की फजीहत हुई है। ऐसे में कांग्रेस पार्षदों ने एक पार्षद द्वारा की गई घटना पर रोष व्यक्त किया है।
वहीं निगम आयुक्त डॉ. कुशाल यादव की ओर से मीडिया से की गई बदसलूकी को लेकर मीडियाकर्मियों ने मंत्रियों व जिला प्रशासन पूरी घटना से अवगत करवाते हुए आयुक्त के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
Kamal kant sharma newsfastweb.com