बीकानेर पूर्व और कोलायत विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी को समर्थन और नोखा सीट पर स्वतंत्र प्रत्याशी को तथा झालरापाटन विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन देने का एलान किया कालवी ने। लेकिन समाज को बांटने का आरोप लगाया भाजपा पर।
बीकानेर। राजपूत करणी सेना के सरंक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने आज बीकानेर में मीडिया से रूबरू होते हुए तीन मुद्दों पर भाजपा को घेरने की कोशिश की। उन्होंने भाजपा पर समाज को बांटने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा की तीन महीनों में तीनों मुद्दों पर भाजपा फैसला नहीं करेगी तो करणी सेना दिल्ली कूच करेगी।
करणी माता के दर्शन करने आए राजपूत करणी सेना के सरंक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि भाजपा पिछले 26 साल से कह रही है कि राम मन्दिर का फैसला कोर्ट में पेंडिंग है, इसलिए मन्दिर पर कोई फैसला नहीं हो रहा है लेकिन एसटीएसी एक्ट पर कोर्ट के बाहर फैसला कर रही है। जबकि मध्यप्रदेश और राजस्थान में इसका विरोध होने और दलित की मांग नहीं होने के बाद भी भाजपा हिंदुत्व की बात करते-करते हिन्दुओं को बांटने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि राम मन्दिर, आरक्षण की समीक्षा और एससीएसटी एक्ट को लेकर हमारा विरोध है और तीन महीनों में कई फैसला नहीं होने पर करणी सेना दिल्ली का घेराव करेगी। वहीं उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में भी करणी सेना कुछ सीटों को छोड़कर भाजपा का विरोध करेगी।
वही बीकानेर की पूर्व विधानसभा और कोलायत विधानसभा सीट पर करणी सेना भाजपा प्रत्याशी का समर्थन करेगी लेकिन नोखा सीट पर निर्दलीय मेघसिंह का समर्थन करेगी। वहीं झालरापाटन में कांग्रेस प्रत्याशी का समर्थन किया जाएगा।
राजनीति से जुड़े लोगों का मानना है कि समाज को बांटने का काम कौन कर रहा है, इसका अंदाजा आमजन सहज लगा सकते हैं। कालवी कह रहे हैं कि वे यहां बीकानेर पूर्व से भाजपा प्रत्याशी सिद्धि कुमारी, कोलायत विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी पूनम कंवर का समर्थन करेंगे।
वहीं नोखा विधानसभा क्षेत्र से स्वतंत्र प्रत्याशी मेघसिंह का समर्थन करेंगे। झालरापाटन में कांग्रेस प्रत्याशी मानवेन्द्र सिंह का समर्थन करेंगे। राजनीतिज्ञों का मानना है कि कालवी के ये बयान सिर्फ राजपूत समाज के प्रत्याशियों को समर्थनकरने का आशय प्रकट कर रहे हैं।
उनके ये बयान हिन्दुत्व को बांटने वाले ही तो हैं। अगर विरोध या समर्थन करना है तो पूरी पार्टी का सम्पूर्ण प्रदेश में किया जाना चाहिए न कि प्रत्याशी को देख कर।