अभी भी एक पलंग पर दो-तीन नन्हें, चादरें भी हैं मैली
बीकानेर। कोटा के जेके लोन अस्पताल में लगातार हुई बच्चों की मौत के सिलसिले के बाद हरकत में आई राज्य सरकार ने प्रदेश भर में अस्पतालों के हालात देखने शुरू किए, लेकिन संभाग के सबसे बड़े अस्पताल पीबीएम में अस्पताल प्रशासन पर जिला कलक्टर के निर्देशों का भी कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है।
गौरतलब है कि सरकार के निर्देश के बाद कल आनन-फानन में पीबीएम शिशु अस्पताल पहुंचे जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने अस्पताल के हालात देखने के बाद नाराजगी जाहिर की थी और अस्पताल प्रशासन को व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए थे। लेकिन आज जब शहर भाजपा अध्यक्ष अखिलेशप्रताप सिंह के साथ मोहनसिंह वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य पीबीएम शिशु अस्पताल में व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे तो जिला कलक्टर के निर्देशों की पोल खुल गई।
अस्पताल में आज भी वार्ड में एक पलंग पर दो-तीन बच्चे थे। कहीं एक पलंग पर तीन मरीज देखने को भी मिले। हद तो तब हो गई जब वार्ड में कई महिलाएं बिना चादर बिछे बेड पर सोती हुई नजर आईं तो कई बेड पर गंदी चादरें बिछी देखी गई। कलक्टर से मिले निर्देशों की अनदेखी करने और अस्पताल में व्यवस्थाएं नहीं सुधारे जाने से शहर भाजपा अध्यक्ष ने पीबीएम अधीक्षक को तुरन्त मौके पर बुलवाया और उन्हें वहां व्याप्त अव्यवस्थाओं से अवगत कराया। पीबीएम अधीक्षक को अस्पताल में देखकर तुरन्त वहां के कर्मचारी हरकत में आ गए और उन्होंने वार्ड में व्यवस्थाएं सही करने में जुट गए।
वहीं बच्चों के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में बच्चों की जांच नहीं हो रही है। उन्हें जांच के लिए निजी लैब में भेजा जा रहा है। अस्पताल में पर्याप्त दवाई भी नहीं मिल रही है। ऐसे में सरकारी अस्पताल का लाभ लेने आए लोग खासा परेशान दिखे। शहर भाजपा अध्यक्ष अखिलेशप्रताप सिंह ने न्यूजफास्ट वेब से कहा कि कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के बावजूद भी सरकार गंभीर नजर नहीं आ रही है। पीबीएम अस्पताल में जिस प्रकार की अव्यवस्थाएं आज देखने को मिली हैं उससे तो यही साफ लग रहा है कि सरकार का ध्यान लोगों के स्वास्थ्य की तरफ बिल्कुल भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि यदि समय रहते अव्यवस्थाओं को सही नहीं किया जाता है तो भाजपा आने वाले दिनों में जन जागरण अभियान चलाकर सरकार को घेरेगी। इस अवसर पर भाजपा नेता भगवानसिंह मेड़तिया सहित पार्टी के कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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