बीकानेर में अपने बेटे के लिए सियासी जमीन तलाश रहे हैं सीएम गहलोत !

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CM Gehlot is looking for political land for his son in Bikaner!

कार्यकर्ताओं को जुटाने की कवायद, पार्टीजनों से फीडबैक लेने का लगाया जा रहा है अंदेशा

सीएम के ओएसडी के बार-बार यहां आने और युवाओं के संपर्क मेें रहने को माना जा रहा है इसी की कोशिश

#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newfastweb.com

बीकानेर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेटे के लिए बीकानेर शहर में सियासी जमीन तलाश रहे हैं, ऐसी चर्चाएं जिले के राजनीतिक लोगों में चल रही हैं। राजनीति के पंडित सीएम गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा के बार-बार यहां आने और युवाओं से संपर्क बनाए रखने की कोशिश को भी इसी से जोड़ कर देख रहे हैं।


राजनीतिक गतिविधियों पर तिरछी नजरें रखने वाले लोगों ने बताया कि सीएम गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत इस बार विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारने की तैयारी में हैं। इसके लिए बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र और अभी हाल ही में जिला बनाए गए फलौदी में सियासी संभावनाएं तलाश करने में काफी दिनों से जुटे हुए हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि सीएम गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा का बार-बार यहां आना और युवाओं से सम्पर्क साधना भी इसी बात की एक कवायद है। सीएम के ओएसडी यहां पर पार्टी के कार्यकर्ताओं सेे गुपचुप तरीके से फीडबैक हासिल कर सीएम गहलोत को रिपोर्ट कर रहे हैं।

गौरतलब है कि 28 मार्च को अचानक सीएम अशोक गहलोत यहां संभाग के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे थे। इस कार्यक्रम से पहले उन्होंने डूंगर कॉलेज में छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन किया था। राजनीतिक विश्लेषकों ने डूंगर कॉलेज के इस कार्यक्रम को भी सीएम के बेटे वैभव गहलोत के लिए सियासी जमीन तैयार करने की कवायद माना है। उनका मानना है कि अगर सीएम गहलोत बीकानेर पूर्व से अपने बेटे वैभव को पार्टी का प्रत्याशी बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो ऐसी स्थिति मेें कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता ही यहां उनकी गाड़ी को धक्का लगाने वाले हो सकेंगे। हालांकि बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के किसी भी प्रत्याशी के लिए जीत हासिल करना बहुत मुश्किल है। क्योंकि, इस क्षेत्र में आज भी भाजपा की विचारधारा को मानने वाले लोग ज्यादा हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का तो यहां तक मानना है कि अगर बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से किसी बाहरी, यहां नौसिखिए को भी भाजपा अपना प्रत्याशी बना दे तो भी उसके लिए जीत बहुत आसान है। ऐसे में अगर सीएम गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत को पार्टी का प्रत्याशी बना कर विधानसभा चुनाव में उतार देते हैं तो भी वैभव के लिए जीत हासिल करना बहुत ज्यादा मुश्किल होगा।

गौरतलब यह भी है कि वर्ष, 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में वैभव गहलोत जोधपुर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे थे। उन्हें भाजपा के प्रत्याशी गजेन्द्रसिंह शेखावत ने 2 लाख 70 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। लोकसभा के इस चुनाव में सीएम गहलोत मुख्यमंत्री होते हुए भी अपने विधानसभा क्षेत्र सूरसागर से वैभव गहलोत को कारगर वोट नहीं दिलवा सके थे। सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से सीएम गहलोत के बेटे और कांग्रेस के प्रत्याशी वैभव गहलोत 18 हजार से ज्यादा वोटों से पिछड़ गए थे।

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